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उनके नए गठन को पहचानने की जरूरत है, लेकिन मान्यता देने की कोई जल्दी नहीं है।
अमेरिका ने कहा है कि वह और कई अन्य देश तालिबान को मान्यता देने में कोई जल्दबाजी नहीं करेंगे। मान्यता देने का निर्णय इस बात पर निर्भर करेगा कि तालिबान वैश्विक समुदाय की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरता है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि हम जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेने जा रहे। अभी तालिबान के उठाए जाने वाले कदमों को देखना होगा।
इसी तरह की ही बात विदेश मंत्रालय की अवर सचिव विक्टोरिया नुलैंड ने पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि हम अपने और सहयोगी देशों के हितों के लिए तालिबान से वार्ता जारी रखेंगे। उन्हें इस बात का ध्यान रखना होगा कि वे जो भी बोल और कर रहे हैं, क्या वह संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुरूप है। क्या मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे आगे बढ़ने से पहले उन्हें प्रतिबद्धताओं पर खरा उतरने और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मानकों का पालन करने की जरूरत है।
यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने भी तालिबान को मान्यता देने या संबंध बनाने में किसी भी प्रकार की जल्दबाजी न करने का फैसला किया है। यूरोपीय यूनियन के एशिया और प्रशांत क्षेत्र के प्रबंध निदेशक गुन्नर विगैंड ने कहा कि हमें तालिबान से संवाद करने, उसको प्रभावित करने और उनके नए गठन को पहचानने की जरूरत है, लेकिन मान्यता देने की कोई जल्दी नहीं है।
Neha Dani
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