लोकतंत्र शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के हिस्सा न लेने से अमेरिका हुआ दुखी
वाशिंगटन: अमेरिका की पहल पर आयोजित लोकतंत्र शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के हिस्सा न लेने से अमेरिका दुखी है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रधान सचिव वेदांत पटेल ने कहा है कि इससे पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। भारतीय दूतावासों पर हमलों को लेकर उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने देश में राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है।
अमेरिका की पहल पर आयोजित लोकतंत्र शिखर सम्मेलन में चीन और तुर्किये को न्योता नहीं दिया गया था और ताइवान को बुलाया गया था। इस पर पाकिस्तान ने इस सम्मेलन में हिस्सा न लेने का फैसला किया था। इस पर वेदांत पटेल ने कहा कि लोकतंत्र शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के भाग न लेने से अमेरिका दुखी है किन्तु इससे पाकिस्तान के साथ अमेरिकी रिश्तों पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि एक देश के रूप में पाकिस्तान ऐसे सम्मेलन में भाग लेने या भाग न लेने का निर्णय करने को स्वतंत्र है। भारत और पाकिस्तान के साथ अमेरिकी रिश्तों पर पटेल ने कहा कि अमेरिका के रिश्ते दोनों देशों से अच्छे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने भारतीय भागीदारों के अलावा पाकिस्तान के साथ भी अपने महत्वपूर्ण संबंधों को महत्व देता है। उन्होंने कहा कि ये रिश्ते अपने दम पर खड़े होते हैं और उसमें किसी भी तरह की धनराशि के प्रस्ताव शामिल नहीं होते हैं।
अमेरिका में भारतीय दूतावासों पर हमले को लेकर वेदांत पटेल ने कहा कि राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर अमेरिका गंभीर है। पिछले दिनों खालिस्तान समर्थकों ने अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास व सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले किए थे। वेदांत पटेल ने दावा कि संयुक्त राष्ट्र में जिन राजनयिक मिशनों की मेजबानी का जिम्मा अमेरिका पर है, उनकी चिंता करने का जिम्मा भी अमेरिका का है। उन्होंने बताया कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय अपने भारतीय सहयोगियों के साथ निकट संपर्क में है। इसके अंतर्गत विभिन्न स्थानीय संस्थाओं के साथ निकट संपर्क में रहना सुनिश्चित किया जा रहा है। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि विभिन्न मिशन व वाणिज्य दूतावास कहां हैं, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।