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अमेरिका: रॉलिंग स्टॉन की नई योजना किया पेश...पैसा दो, लेख छपवाओ और बन जाओ अग्रणी विचारक
Deepa Sahu
24 Jan 2021 3:16 PM GMT
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अमेरिका की मशहूर सांस्कृतिक पत्रिका रॉलिंग स्टोन ने एक अजीब योजना पेश की है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: अमेरिका की मशहूर सांस्कृतिक पत्रिका रॉलिंग स्टोन ने एक अजीब योजना पेश की है, जो दुनिया भर में चर्चित हो गई है। उसने दुनिया के "अग्रणी विचारकों" को आमंत्रित किया है कि वे "संस्कृति के भावी स्वरूप" विषय पर उसके लिए लेख लिखें। लेकिन ये लेख वे तभी प्रकाशित करवा पाएंगे, जब वे पत्रिका को 2000 डॉलर, यानी तकरीबन डेढ़ लाख रुपये देंगे।
ये पत्रिका कैलिफॉर्निया के सैन फ्रांसिस्को में 1967 में शुरू की गई थी। इसमें दुनिया के नामी विचारक लेख लिखते रहे हैं। पत्रिका ने कहा है कि नई योजना के तहत जिन लेखकों के लेख स्वीकार किए जाएंगे, उन्हें पत्रिका की 'सांस्कृतिक परिषद' की सदस्यता दी जाएगी। पत्रिका ने इस बारे में अनेक लेखकों को एक ई-मेल भेजा है। इसमें कहा गया है कि इन सभी लेखकों के पास अब 'आविष्कारक, प्रभावित करने वाली और दूसरों की रुचि तय करने वाली शख्सियत' बनने का मौका है।
1500 डॉलर की सालाना फीस और ऊपर से 500 डॉलर लगेंगे
ब्रिटिश अखबार द गार्जियन के मुताबिक इस ई-मेल से जाहिर है कि जो लोग 1500 डॉलर की सालाना फीस और ऊपर से 500 डॉलर देंगे, उन्हें अपना मूल लेख रॉलिंग स्टोन में छपवाने का अवसर मिलेगा। पत्रिका का कहना है कि इससे उन लोगों की पहचान "अग्रणी विचारक" के रूप में बनेगी और उन्हें ऐसे दूसरे विचारकों से अपनी बात साझा करने का मौका मिलेगा।
पत्रिका ने अपना ये ऑफर अपनी वेबसाइट पर भी प्रकाशित किया है। उसमें कहा है कि जिन लोगों को पत्रिका की सांस्कृतिक परिषद की सदस्यता मिलेगी, उन्हें दुनिया के प्रमुख मनोरंजन मीडिया घरानों में से एक में छपने का अवसर मिलेगा, जिससे मीडिया उद्योग की सबसे मजबूत आवाजों में वे अपना नाम दर्ज करा पाएंगे।
सबके लेख छपने की गारंटी नहीं
रॉलिंग स्टॉन पत्रिका का प्रकाशन पेन्सके मीडिया कॉरपोरेशन करता है। उसके प्रवक्ता ने कहा है कि ये पत्रिका किसी को भी पैसा देकर अपनी चीज छपवाने का मौका नहीं देती। अगर ऐसा कभी होता है, तो यह साफ साफ बताया जाता है कि यह पेड (यानी भुगतान आधारित) कंटेंट है। प्रवक्ता ने कहा कि जो लोग अपने लेख भेजेंगे, उन सबके लेख छप जाएं, इसकी कोई गारंटी नहीं है। सभी लेखों की पहले रॉलिंग स्टॉन की पार्टनर संस्था- द कम्युनिटी कंपनी- जांच परख करेगी।
साथ ही लेखों को कल्चर काउंसिल के बैनर तले छापा जाएगा, जिसमें साफ-साफ लिखा होगा कि यह लेख आमंत्रित लेखों की श्रृंखला का हिस्सा है, जिसे पेशेवर लेखकों के नेटवर्क से मंगवाया गया है। साथ ही उस लेख पर एक पॉपअप विंडो खुलेगा, जिसमें लिखा होगा कि यह फीस आधारित लेख है।
2017 में बिक चुकी है पत्रिका
इस पत्रिका की शुरुआत जेन वेनर और संगीत समीक्षक राल्फ जे. ग्लीसन ने की थी। जेन वेनर ने 2017 में इसे पेनस्के मीडिया कॉरपोरेशन (पीएमसी) को दस करोड़ से अधिक डॉलर की रकम में बेच दिया। बेचने का कारण तब यह बताया गया था कि पत्रिका की छपी कॉपियों की बिक्री और विज्ञापन से होने वाली आय में भारी गिरावट आ गई है। पीएमसी ने 2019 में रॉलिंग स्टॉन कंपनी के बचे हिस्सों को भी खरीद लिया।
बिक्री से पहले वेनर ने कहा था कि इस पत्रिका ने हमारे समय के इतिहास, समाज, राजनीति और संस्कृति में इतना अहम रोल निभाया है कि हम उसकी वो हैसियत बरकरार रखना चाहते है, लेकिन अब जानकारों का कहना है कि बिक्री के बाद पत्रिका संचालकों के नजरिए में कितना बदलाव आ गया, उसकी ही मिसाल ये नई योजना है।
क्या पैसा देकर छपवाए गए लेख से मिलेगी प्रतिष्ठा
पीएमसी ने पिछले साल रॉलिंग स्टॉन चार्ट सर्विस शुरू करने की कोशिश की थी। साथ ही संगीत उद्योग को अधिक कवरेज देने की शुरुआत की गई, लेकिन साथ ही इन कंटेंट को पेवॉल के पीछे डाल दिया गया। यानी इन्हें वही लोग पढ़ या सुन सकते हैं, जो उसके बदले भुगतान करें। हालांकि अब कंपनी ने कहा है कि भुगतान के बदले छपने वाले लेखों की संपादकीय गुणवत्ता की पूरी जांच स्वतंत्र संपादक करेंगे, लेकिन इस बारे में अब सवाल उठाए जा रहे हैं। यह भी पूछा जा रहा है कि क्या पैसा देकर छपवाए गए लेख से भी लेखक को उतनी प्रतिष्ठा मिलेगी, जितनी अब तक इस पत्रिका में छपने से मिलती रही है?
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