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भारत और जापान को अमेरिका ने जोड़ने से किया इनकार, व्हाइट हाउस ने कहा- दोनों देश हमारे गहरे मित्र

Subhi
24 Sep 2021 2:23 AM GMT
भारत और जापान को अमेरिका ने जोड़ने से किया इनकार, व्हाइट हाउस ने कहा- दोनों देश हमारे गहरे मित्र
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मेरिका ने रणनीतिक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए आस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के साथ नई त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी में भारत या जापान को जोड़ने से इनकार किया है।

मेरिका ने रणनीतिक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए आस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के साथ नई त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी में भारत या जापान को जोड़ने से इनकार किया है। 15 सितंबर को, राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन और ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने त्रिपक्षीय सुरक्षा गठबंधन ऑकस के गठन की घोषणा की है।

ऑकस गठबंधन के तहत ऑस्ट्रेलिया को पहली बार परमाणु-संचालित पनडुब्बियां मिलेंगी। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा, भारत और जापान हमारे गहरे मित्र हैं और ऑकस का मकसद अलग है। उन्होंने कहा, ऑकस की घोषणा एक संकेत के लिए नहीं थी, और मुझे लगता है कि यह संदेश राष्ट्रपति बाइडन ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को भी भेजा है।
साकी ने यह एक सवाल का जवाब में कहा, जिसमें पूछा गया था कि क्या भारत और जापान जैसे देश जिनके नेता इस सप्ताह व्यक्तिगत रूप से होने वाले प्रथम क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए वाशिंगटन में होंगे, उन्हें नए सुरक्षा गठबंधन का हिस्सा बनाया जाएगा। बता दें कि क्वाड में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन 24 सितंबर को व्हाइट हाउस में पहले व्यक्तिगत मौजूदगी वाले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं।
साकी की पहली प्रतिक्रिया अलग अंदाज में
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव से जब भारत और जापान को ऑकस में शामिल करने के बारे में पूछा तो उन्होंने पहली प्रतिक्रिया अलग ही अंदाज में दी। उन्होंने कहा, क्या ऑकस अब जॉकस या जयऑकस बनेगा। उनका इशारा भारत और जापान को लेकर था। जिस पर बाद में उन्होंने पूरी तरह से इनकार कर दिया। बता दें कि चीन पहले ही ऑकस की आलोचना कर चुका है।
बाइडन ने मैक्रों को फोन किया, अमेरिका लौटेंगे फ्रांसीसी दूत
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की ऑकस गठबंधन पर नाराजगी दूर करने के लिए उन्हें एक दोस्ताना फोन किया। इसमें ट्रांस-अटलांटिक रिश्तों का हवाला भी दिया। बता दें कि मैक्रों ऑकस गठबंधन में अमेरिका द्वारा ऑस्ट्रेलिया को पनडुब्बी देने पर नाराज हैं। लेकिन बातचीत के बाद एक बयान में कहा गया कि मैक्रों फ्रांस के राजदूत को अगले सप्ताह वाशिंगटन भेजने का आदेश देंगे। दोनों नेताओं ने अक्तूबर के अंत में यूरोप में मुलाकात करने का संकल्प भी लिया। व्हाइट हाउस ने इस बातचीत को मित्रता कॉल बताया और उम्मीद जताई की इससे स्थिति सामान्य होगी।

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