अमेरिका ने ताइवान के लिए 345 मिलियन $ के सेना सहायता पैकेज की घोषणा की है. इस पैकेज में कई तरह के हथियार, एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम और खतरनाक ड्रोन शामिल हैं. ताइवान को अमेरिकी सेना सहायता से चीन नाराज है। ताइवान प्रारम्भ से ही चीन की दुखती रग रहा है. ऐसे में चीन ताइवान के साथ किसी भी विदेशी संबंध का खुलकर विरोध करता है। चीन पहले ही अमेरिका को ताइवान को सेना सहायता देने के विरुद्ध चेतावनी दे चुका है. हालांकि, हाल के दिनों में चीनी सेना की तैयारियों को देखते हुए ताइवान पर हमले की संभावना जताई जा रही है।
अमेरिका के हथियारों में एनएसएएम शामिल हैं
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने शुक्रवार को एक बयान में बोला कि ताइवान को सेना पैकेज में रक्षा सामग्री, सेना शिक्षा और प्रशिक्षण शामिल होगा. व्हाइट हाउस की घोषणा में यह नहीं कहा गया कि कौन से हथियार या उपकरण मौजूद कराए जाएंगे. लेकिन मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, आपूर्ति में पोर्टेबल वायु रक्षा प्रणाली और टोही उपकरण शामिल हैं. इन हथियारों की खरीद को लेकर ताइवान ने कई महीने पहले बाइडन प्रशासन को सूची सौंपी थी. इसमें नॉर्वेजियन एडवांस्ड सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम (NASAMS) भी शामिल है
चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी
अमेरिका की इस घोषणा पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। चीन ने यह नहीं बोला है कि आवश्यकता पड़ने पर वह ताइवान को बलपूर्वक शामिल करने से पीछे नहीं हटेगा. वाशिंगटन में चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने एक बयान में बोला कि अमेरिका को ताइवान को हथियार बेचना बंद करना चाहिए और नए कारक बनाना बंद करना चाहिए जिससे ताइवान जलडमरूमध्य में तनाव पैदा हो सकता है. चीन के विदेश मंत्रालय ने भी अमेरिका द्वारा ताइवान को हथियार देने पर काफी नाराजगी जताई है। मंत्रालय ने धमकी दी है कि अमेरिका आग से खेल रहा है जिसमें वह स्वयं भी जल सकता है।
अमेरिका ताइवान को मान्यता नहीं देता
अमेरिका आधिकारिक तौर पर ताइवान को मान्यता नहीं देता है. वर्तमान में दुनिया के सिर्फ़ 13 राष्ट्र ताइवान को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता देते हैं. हालाँकि, ताइवान हिंदुस्तान सहित पूरे विश्व के राष्ट्रों से व्यापार कार्यालयों द्वारा जुड़ा हुआ है. ताइवान की विदेशी कनेक्टिविटी को देखते हुए चीन ने सेना घुसपैठ तेज कर दी है. चीन के लड़ाकू विमान और युद्धपोत लगातार ताइवान में घुसपैठ कर रहे हैं। यही कारण है कि ताइवान अपनी सुरक्षा बढ़ाने में लगा हुआ है. इस बीच, चीन ने इस महीने की आरंभ में ताइवान के पास एक बड़ा सेना अभ्यास किया.