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व्हाइट हाउस में माहौल एक बार फिर जीवंत हो उठा है जहां बिना मास्क लगाए हुए लोग सबसे बड़े कक्ष में हंसते-मुस्कुराते दिखे।
व्हाइट हाउस में माहौल एक बार फिर जीवंत हो उठा है जहां बिना मास्क लगाए हुए लोग सबसे बड़े कक्ष में हंसते-मुस्कुराते दिखे। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को मेडल ऑफ ऑनर लेने वाले 94 वर्षीय बुजुर्ग को खुशी से गले लगाते देखा गया। यह सब कोविड-19 टीके की बढ़ती उपलब्धता और मास्क पर हाल ही में जारी एडवाइजरी के बाद देखा गया।
बता दें कि अमेरिका में टीका लगवा चुके लोगों को सामाजिक दूरी और मास्क जैसे प्रतिबंधों से छूट दे दी गई है। इसी के मद्देनजर व्हाइट हाउस के वेस्ट विंग में अधिक से अधिक कर्मचारी काम पर लौट रहे हैं।
सुरक्षा एवं मिश्रित संदेशों को लेकर अंदेशा बना हुआ था लेकिन व्हाइट हाउस के फिर से खुलने एवं वहां के राहत भरे माहौल की तस्वीरों से इन चिंताओं पर विराम लग गया है। यह एक संकेत है कि अमेरिका में वैश्विक महामारी का प्रभाव कम होता जा रहा है। प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा, 'हम लौट आए हैं'।
कनाडा : 21 जून तक बढ़ी भारत-पाक उड़ानों पर रोक
कनाडा ने कोविड-19 के नए स्वरूप को फैलने से रोकने के लिए भारत-पाकिस्तान से सीधी उड़ानों पर प्रतिबंध को 21 जून तक तक के लिए बढ़ा दिया है। टीकों और निजी सुरक्षा उपकरण जैसे जरूरी सामानों की आवाजाही के लिए मालवाहक विमानों को अनुमति दी जाएगी। हालांकि दोनों देशों के यात्री तीसरे देश से यात्रा करते हुए कनाडा आ सकते हैं। लेकिन उन्हें संक्रमित न होने की रिपोर्ट दिखानी होगी।
जर्मनी : प्रतिबंधों में ढील के साथ सावधानी की अपील
जर्मनी के अधिकांश हिस्सों में प्रतिबंधों में अधिक ढील दे दी गई है। इस बीच चांसलर एंजेला मर्केल ने देशवासियों से जिम्मेदाराना बर्ताव का आग्रह करते हुए कहा कि आगे की बंदी से बचने के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है। यहां कोविड-19 जांच की नेगेटिव रिपोर्ट या टीकाकरण प्रमाण पत्र देकर बीयर गार्डन, कैफे और रेस्तरां में सेवा देना शुरू कर दिया गया है।
आईएमएफ का 50 अरब डॉलर में वैश्विक टीकाकरण योजना प्रस्ताव
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 50 अरब डॉलर की एक वैश्विक टीकाकरण योजना का प्रस्ताव दिया है। यह राशि 2021 के अंत तक 40 फीसदी वैश्विक आबादी और 2022 की पहली छमाही तक कम से कम 60 फीसदी आबादी के टीकाकरण के लिए पर्याप्त होगी।
आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जिएवा ने जी-20 स्वास्थ्य शिखर सम्मलेन में कहा कि थोड़े बहुत वित्तपोषण से दुनिया इस अभूतपूर्व स्वास्थ्य एवं आर्थिक संकट से स्थायी रूप से निकल सकती है।
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