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कुछ महीने पहले कोरोना संक्रमण की भयावह दूसरी लहर से जूझ रहे भारत के अस्पतालों को लेकर अमेरिकी मीडिया की हायतौबा मचाने वाली खबरें सबने देखी थीं
कुछ महीने पहले कोरोना संक्रमण की भयावह दूसरी लहर से जूझ रहे भारत के अस्पतालों को लेकर अमेरिकी मीडिया की हायतौबा मचाने वाली खबरें सबने देखी थीं। आज वैसी ही स्थिति का सामना सबसे शक्तिशाली और साधन संपन्न अमेरिका खुद कर रहा है। अमेरिकी प्रशासन को उम्मीद थी कि जुलाई-अगस्त तक कोरोना से आजादी मिल जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मौत के आंकड़े फिर वहीं पहुंच गए हैं, जहां मार्च में थे।
अमेरिका में कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट तबाही मचा रहा है। अभी रोजाना औसतन डेढ़ लाख से ज्यादा मामले आ रहे हैं और करीब 1,500 लोगों की जान जा रही है। कुछ जगहों पर कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा पूरी महामारी के दौरान के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया है। स्कूल फिर बंद होने लगे हैं। मास्क और वैक्सीन की जरूरतों को लेकर कानूनी लड़ाई और हिंसा छिड़ रही है। अब तक अमेरिका में कोरोना से मरने वालों का कुल आंकड़ा 6.5 लाख के पार निकल गया है। एक अनुमान के मुताबिक, पहली दिसंबर तक यह संख्या 7.5 लाख को पार कर जाएगी। इस बीच, राष्ट्रपति जो बाइडन महामारी से निपटने के लिए कुछ नए कदमों का एलान करने की तैयारी में हैं। इसमें टीकाकरण और मास्क से जुड़े कुछ अनिवार्य कदम उठाए जा सकते हैं।
डेल्टा ने बढ़ाया संकट
जुलाई में राष्ट्रपति जो बाइडन ने व्हाइट हाउस में समारोह आयोजित कर कोरोना से आजादी का उत्सव मनाया था। लेकिन कुछ समय बाद ही ज्यादा संक्रामक डेल्टा वैरिएंट ने सब कुछ बदल दिया। पूरे जून में संक्रमण के करीब चार लाख मामले आए थे। वहीं, अगस्त में यह आंकड़ा 42 लाख के पार पहुंच गया। इस दौरान 26,800 लोगों की मौत हुई। डेल्टा वैरिएंट से पहले की तुलना में कम उम्र के लोगों की भी ज्यादा जान जा रही है। पिछली लहरों के दौरान मरने वालों में ज्यादा संख्या 75 साल से अधिक उम्र के लोगों की थी। अब मृतकों में 50 से 64 की उम्र के लोग ज्यादा हैं।
अस्पतालों में भर गए बेड
वेस्ट वर्जीनिया के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों में बेड भर गए हैं। बुधवार को पूरे राज्य में 813 मरीज भर्ती हुए। यह पांच जनवरी के 818 मरीजों की रिकार्ड संख्या के बिलकुल करीब है। जार्जिया की राजधानी अटलांटा में अस्पतालों ने कोरोना से इतर मरीजों की सर्जरी फिलहाल रोक दी है। केवल कोरोना के मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। अन्य शहरों में भी मरीजों की भीड़ संभालने के लिए अस्पताल यही रास्ता अपना रहे हैं।
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