x
आज बाइडन प्रशासन की चुनौतियों को देखते हुए भारत अमेरिका की एक बड़ी जरूरत है।
रूसी मिसाइल सिस्टम एस-400 की आपूर्ति के ठीक पहले एक बार फिर भारत पर अमेरिकी प्रतिबंधों की चर्चा जोरों पर है। यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या भारत को अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, अमेरिका रूसी एस-400 मिसाइलों की आपूर्ति को लेकर खफा है। भारत और रूस के बीच यह रक्षा सौदा वर्ष 2018 में हुआ था, तब से अमेरिका इस सौदे का विरोध कर रहा है। वह भारत पर प्रतिबंध लगाने की धमकी भी दे चुका है। हालांकि, भारत कई बार कह चुका है कि वह रूस के साथ इस समझौते को करने के लिए पूरी तरह से प्रतिद्ध है। सवाल यह है कि आखिर अमेरिका किन प्रावधानों के तहत भारत को यह धमकी देता रहा है ? आखिर क्या है इस कानून में खास ? क्या सच में अमेरिका इस कानून के जरिए भारत पर प्रतिबंध लगा सकता है ?
अमेरिकी कठोर प्रतिबंधों की संभावना काफी कम
1- प्रो. हर्ष वी पंत का कहना है कि मौजूदा हालात में भारत-अमेरिकी संबंधों को देखते हुए अमेरिकी प्रतिबंधों की बात थोड़ी कठिन लगती है। उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका संबंध अब एक नए युग में प्रवेश कर चुके हैं। इसलिए भारत पर प्रतिबंधों की बात अब उतनी आसान नहीं है।
2- उन्होंने कहा कि अमेरिकी सीनेट में भारत का पक्ष लेने वाला खेमा काफी मजबूत है। सीनेट में बड़ी संख्या में भारतीय समर्थक मौजूद हैं। भारत के खिलाफ कोई कदम उठाने से पहले बाइडन प्रशासन पर इस लाबी का दबाव रहेगा। इसके अलावा बाइडन प्रशासन और मोदी सरकार के साथ बेहतर संबंध है। ऐसे में यह उम्मीद कम है कि बाइडन प्रशासन अमेरिका पर सैन्य या आर्थिक प्रतिबंध लगाए।
3- इस समय अमेरिका का पूरा ध्यान चीन पर है। अमेरिका कई बार कह चुका है, चीन उसका दुश्मन नंबर वन है। महाशक्ति की होड़ में चीन अमेरिका को बड़ी टक्कर दे रहा है। चीन से निपटने के लिए भारत अमेरिका का एक बड़ा सहयोगी हो सकता है। क्वाड के गठन में यह बात तय हो गई है कि अमेरिका की नई रक्षा रणनीति में भारत कितना उपयोगी है। ऐसे में अमेरिका कभी भी भारत को कमजोर नहीं करेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज बाइडन प्रशासन की चुनौतियों को देखते हुए भारत अमेरिका की एक बड़ी जरूरत है।
Next Story