चीन और ताइवान के बीच जारी तनाव में अमेरिका खुले तौर पर ताइवान के साथ है. राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यालय की तरफ से बोला गया है कि अमेरिका, ताइवान द्वीप का समर्थन करता है और उसकी रक्षा करने के लिए वह शांतपूर्ण तरीके से मजबूत कदम उठाएगा. दूसरी ओर चीन एक चीन सिद्धांत को लेकर अड़ा हुआ है. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ताइवान के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर चुकी है. साथ ही इलाके में चीन की मिलिट्री ड्रिल ने गंभीर हालात पैदा कर दिए हैं.
पैलोसी की ताइवान यात्रा से भड़का हुआ है चीन
अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कुछ दिनों पहले ही ताइवान की यात्रा की थी. यात्रा के दौरान उन्होंने कहा था कि अमेरिका, ताइवान के साथ खड़ा है. ताइवान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारा महत्वपूर्ण भागीदार है. इसके बाद से ही चीन, अमेरिका पर भड़का हुआ है. चीन ने पैलोसी की यात्रा के बाद ताइवान के समुद्री इलाके में युद्धाभ्यास भी किया था.
व्हाइट हाउस से आया बयान
हाल ही में प्रेसिडेंट बाइडन के कार्यालय से बयान जारी किया गया है. इसमें चीन को साफ साफ संदेश देने की कोशिश की गई है कि अगर चीन, ताइवान को सेना के जरिए डराने की कोशिश करेगा तो यह शांति और स्थिरता के खिलाफ है. अमेरिका ने बयान में कहा है कि वह स्वतंत्र ताइवान का समर्थन करता है और उसके लिए मजबूती के साथ कदम उठाएगा.
इस मुद्दे पर चीन का क्या कहना है?
चीन हमेशा से ताइवान पर संप्रभुता का दावा करता आया है. पैलोसी के दौरे के बाद चीन ने चार से सात अगस्त तक ताइवान पर युद्ध की घोषणा की थी. हालांकि चीन ने युद्ध तो नहीं किया लेकिन युद्धाभ्यास कर ताइवान और अमेरिका को चेतावनी दे दी. इसके बाद चीन ने ताइवान के मददगार देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि उसका साथ देने वाले भी तबाह हो जाएंगे.