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इस संगठन का मकसद दक्षिण चीन सागर और इंडो पैशिफिक क्षेत्र में बीजिंग की दादागीरी पर विराम लगाना है।
इंडो पैसिफिक क्षेत्र में चीन घेराबंदी करने के लिए अमेरिका ने जबरदस्त रणनीति तैयार की है। इस क्षेत्र में आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका मिलकर चीन के प्रभुत्व को सीमित करेंगे। इन तीनों देशों के बीच एक करार हुआ है। इसे AUKUS नाम दिया गया है। इसका लक्ष्य आस्ट्रेलिया को परमाणु संपन्न देश बनाना है। इसके तहत आस्ट्रेलिया को न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन बनाने की तकनीक दी जाएगी। आखिर क्या है AUKUS। इंडो पैसिफिक क्षेत्र में क्यों चिंतित हुआ चीन। अमेरिका की क्या है बड़ी योजना।
तीन देशों का रक्षा गठबंधन
प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के बीच यह एक रक्षा गठबंधन है। तीन देशों के बीच यह एक रक्षा समूह है। यह रक्षा हिंद प्रशांत क्षेत्र में केंद्रीत होगा। अमेरिका और आस्ट्रेलिया से परमाणु पनडुब्बी की तकनीक साझा करेगा। तीनों देश सैन्य क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए एक दूसरे से तकनीक साझा करेंगे।
तीन देशों के रक्षा समूह से घबड़ाया चीन
उन्होंने कहा कि इस समझौते के बाद अमेरिका की इंडो पैसिफिक क्षेत्र में हलचल तेज हो जाएगी। इस करार के बाद अब अमेरिका के बड़ी संख्या में फाइटर प्लेन और अमेरिकी सैनिक आस्ट्रेलिया में तैनात होंगे। इससे क्षेत्र में अमेरिका का दबाव बढ़ेगा। इस संगठन के अलावा पूर्व अमेरिका चीन को नियंत्रित करने के लिए क्वाड ग्रुप का गठन कर चुका है। इस संगठन में अमेरिका के अलावा भारत, जापान, आस्ट्रेलिया शामिल है। इस संगठन का मकसद दक्षिण चीन सागर और इंडो पैशिफिक क्षेत्र में बीजिंग की दादागीरी पर विराम लगाना है।
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