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अमेरिका ने भारत को अपना बड़ा भागीदार माना

Gulabi Jagat
15 Oct 2022 2:10 PM GMT
अमेरिका ने भारत को अपना बड़ा भागीदार माना
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जेएनएन। US National Security Strategy 2022: यूक्रेन जंग के दौरान भारत और अमेरिका के संबंधों पर छाए काले बादल पूरी तरह से साफ हो गए हैं। अमेरिका ने भारत को अपना बड़ा भागीदार माना है। अमेरिका ने भारत को सबसे बड़ा लोकतंत्र और अपना एक प्रमुख रक्षा भागीदार देश घोषित किया है। अमेरिका ने संकेत दिया है कि बाइडन प्रशासन की नई सुरक्षा नीति के तहत अमेरिका अपने सहयोगी गठबंधनों का आधुनिकीकरण करता रहेगा। अमेरिका की नई सुरक्षा नीति से पाकिस्‍तान और चीन की चिंता बढ़ना लाजमी है।
1- विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि अमेरिका की नई सुरक्षा नीति ने यह सिद्ध कर दिया है कि बाइडन प्रशाशन के लिए भारत खास महत्‍व रखता है। इस सुरक्षा नीति से यह साफ हो गया है कि यूक्रेन युद्ध में भारत की तटस्‍थता की नीति का दोनों देशों के संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ा है। यह भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत है। उन्‍होंने कहा कि हालांकि, यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत ने अपने स्‍टैंड को साफ किया था कि वह किसी भी हाल में युद्ध का पक्षपोषक नहीं है। वह युद्ध का विरोधी है। भारत की मान्‍यता है कि किसी भी समस्‍या का हल युद्ध नहीं हो सकता है।
2- प्रो पंत ने कहा कि यूक्रेन जंग के दौरान अमेरिका और भारत के संबंधों में थोड़ी सी गिरावट देखने को मिली थी। हालांकि, बाइडन प्रशासन की नई सुरक्षा नीति में भारत के साथ संबंधों को खास तरजीह दिया है। नई सुरक्षा नीति के जरिए बाइडन प्रशासन ने अपनी विदेश नीति की एक रूपरेखा तय किया है। प्रो पंत ने कहा कि अमेरिका की सुरक्षा नीति अमेरिका की विदेश नीति का एक रोडमैप है। उन्‍होंने कहा कि बाइडन प्रशासन की इस नीति के बाद उन अटकलों को भी विराम लगा दिया है, जो भारत-अमेरिका के संबंधों को लेकर नकारात्‍मक विश्‍लेषण कर रहे थे।
3- प्रो पंत ने कहा कि बाइडन प्रशासन ने माना कि इंडो-पैसिफिक में वह भारत के साथ भागीदारी बढ़ाने का इच्‍छुक है। बाइडन प्रशासन की इस नीति में कहा गया है कि अमेरिका और भारत मुक्‍त और खुले हिंद प्रशांत के अपने साझा दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय दोनों व्यवस्थाओं में मिलकर काम करेंगे। अमेरिका की नई सुरक्षा रणनीति में कहा गया है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और हमारा प्रमुख रक्षा भागीदार है। प्रो पंत ने कहा कि बाइडन प्रशासन की यह नीति दुनिया के लोकतांत्रिक देशों को एक मंच पर लाने का बड़ा प्रयास है। इतना ही नहीं इस नीति में हिंद प्रशांत सहयोगियों खासकर आस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया, फिलीपीन और थाईलैंड के लिए अमेरिका की दृढ़ प्रतिबद्धताओं की पुष्टि की गई है।
इंडो पैसिफ‍िक क्षेत्र में चीन की चुनौती
बाइडन प्रशासन की नई राष्‍ट्रीय सुरक्षा नीति में चीन का भी जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि इंडो पैसिफ‍िक क्षेत्र में अमेरिका के कई सहयोगी देशों के लिए चीन एक चुनौती पेश कर रहा है। इस नीति में दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन की आक्रमकता का जिक्र भी किया गया है। इस चुनौती से निपटने के लिए लोकतांत्रिक देशों की एक जुटता पर ध्‍यान केंद्रित किया गया है। इस नीति में कहा गया है कि अमेरिका कोई नया शीत युद्ध नहीं चाहता है, लेकिन अगर ऐसी स्थिति बनती है, जिसमें दुनिया दो ध्रुवों में बंट जाए तो अमेरिका किसी परमाणु युद्ध के खतरे को कम करना चाहेगा।


सोर्स: दैनिक जागरण
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