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राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अफगानिस्तान में फैली अशांती के लिए अमेरिका को दोषी ठहराया है
काबुल, एजेंसियां: राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अफगानिस्तान में फैली अशांती के लिए अमेरिका को दोषी ठहराया है। खबरों के मुताबिक, उन्होंने संसद में दिए एक भाषण में कहा है कि अमेरिका ने अपने सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला अचानक लिया है। जिसके चलते अफगान में मुश्किल हालात पैदा हुए, साथ ही उन्होंने बताया कि, सेनाओं की वापसी को लेकर वाशिंगटन को परिणामों के संबंध में चेतावनी भी दी गई थी।
अफगान तय करें अपना भविष्य
गनी ने नेशनल असेंबली के एक विशेष सत्र में कहा कि, इस वक्त अफगानिस्तान अपने अस्तित्व को लेकर संघर्ष कर रहा है। मौजूदा स्थिति का सामना करने के लिए पूरे देश को एकजुट होने की जरूरत है। इस दौरान उन्होंने, देश की सुरक्षा स्थिति में सुधार के लिए छह महीनों की सुरक्षा योजना की घोषणा करते हुए कहा कि, देश में विदेशी सेनाओं की मौजूदगी समाप्त हो गई है अब अफगान के लोगों को ही अपना भविष्य तय करना है। मौजूदा स्थिति ने हमें शांति और सद्भाव बनाने का अवसर दिया है। देश के लोगों के लिए यह वक्त एकता और एकजुटता का है।
तालिबान को लेकर साफ रुख
वहीं, तालिबान को संबोधित करते हुए गनी ने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि, अफगान के साथ दुश्मनी तालिबानी आतंकियों को महंगी पड़ेगी, वो किसी के भी सामने आत्मसमर्पण नहीं करेंगे। गनी की यह टिप्पणी अफगान सुरक्षा बलों द्वारा तालिबान को दूर रखने के संघर्ष के बीच आई है। गौरतलब है कि, दक्षिणी अफगानिस्तान के लश्करगाह में रविवार रात भीषण संघर्ष जारी रहा। इस दौरान अफगान बलों ने तालिबान द्वारा किए गए हमले का मुहंतोड़ जवाब दिया। वहीं, अमेरिकी हवाई हमले ने सोमवार सुबह लश्करगाह शहर में तालिबान के ठिकानों को निशाना बनाया। जिसमें करीब 7 आतंकियों के मारे जाने की खबर है। देश के रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए एक बयान के मुताबिक, लश्करगाह में जेल पर हमले की कोशिश को विफल करते हुए अफगान बलों ने 38 आतंकियों को ढेर कर दिया है। खबरों के मुताबिक बीते कुछ हफ्तों में तालिबान ने शहर के कई हिस्सों पर कब्जा कर लिया है।
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