अमेरिका। रूस और यूक्रेन युद्ध कोजल्द ही एक साल होने जा रहा है. ऐसे में ना तो रूस की आक्रामकता कम हुई है और ना ही यूक्रेन घुटने टेकने को तैयार हुआ है. ऐसे में अमेरिका सहित लगभग पूरा यूरोप दम-खम से यूक्रेन के साथ खड़ा है. ऐसे में खबर है कि अमेरिका, रूसी तोपों पर गाज गिराने के इरादे से अपना F-16 लड़ाकू विमान देने के फैसले से पीछे हट गया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि यूक्रेन ने रूस के खिलाफ जंग में हमसे F-16 लड़ाकू विमान मांगा था. लेकिन हम उन्हें यह मुहैया नहीं कराएंगे. यूक्रेन के रक्षा मंत्री के सलाहकार ने इससे पहले शुक्रवार को कहा था कि यूक्रेन F-16 जैसे चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमान को बेड़े में शामिल करने की योजना बनाई है. इस पर यूक्रेन वायुसेना के प्रवक्ता ने कहा था कि उन्हें इस तरह के लड़ाकू विमानों के लिए पायलटों को ट्रेनिंग देने में लगभग छह महीने लगेंगे.
बाइडेन से यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका युद्ध में यूक्रेन की मदद के लिए उन्हें यह लड़ाकू विमान मुहैया कराएगा. इस पर बाइडेन ने साफतौर पर ना कहा. इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा था कि रूस उसके पूर्वी इलाके में आक्रामकता से आगे बढ़ रहा है. जेलेंस्की के इस बयान के बाद ही बाइडेन का यह बयान आया है, जो यकीनन यूक्रेन के लिए झटका होगा क्योंकि वह लगातार अमेरिका पर F-16 के लिए दबाव डाल रहा था. हालांकि, इस दौरान बाइडेन ने कहा कि उन्होंने रूस, यूक्रेन युद्ध की पहली बरसी पर पोलैंड जाने की योजना बनाई है.
वहीं, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों का कहना है कि उन्होंने यूक्रेन को लड़ाकू विमान देने से इनकार नहीं किया है. लेकिन इसके साथ ही मैक्रों ने कहा कि वह केवल निश्चित शर्तों पर ही ऐसा करेगा. F-16 लड़ाकू विमानों को पहली बार 1970 के दशक में विकसित किया गया था. F-16 फाइटर जेट एडवांस रडार सिस्टम और एडवांस हथियारों से लैस है. यह हवा से हवा में मार करने में सक्षम है. इसकी स्पीड 2414 किलोमीटर प्रतिघंटा है. यह खराब मौसम में भी उड़ सकता है और 4220 KM की रेंज में दुश्मन के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर सकता है.