श्री संधू आइआइए द्वारा आयोजित वर्जीनिया बिजनेस राउंडटेबिल में बोल रहे थे। संधू ने कहा, ये ऐसा मौका है जब देश के सभी सेक्टर में आर्थिक सुधारों के लिए बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इनमें से कुछ में सरकार ने 51 फीसद तक एफडीआइ के द्वार खोल दिए हैं। हम देश में नई शिक्षा नीति लेकर आने के साथ ही एग्रीकल्चर, अंतरिक्ष सेक्टर की योजनाओं में सुधार कर रहे हैं। श्रम कानूनों में सुधार के लिए बड़े कदम उठाए गए हैं। प्रयास है कि इन सुधारों के माध्यम से निवेश, विकास और रोजगार के अवसरों को आगे बढ़ायें। इस कार्यक्रम में वर्जीनिया के गवर्नर राल्फ नोर्थम भी उपस्थित थे।
भारतीय राजदूत ने कोरोना महामारी में दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य, तकनीक और वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया में समन्वय की तारीफ की। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच अच्छी योजनाओं की आपसी जानकारी हमारी ताकत बन रही है। वर्जीनिया में भारत की 14 बड़ी कंपनी काम कर रही हैं और इनसे ग्यारह सौ लोगों को रोजगार मिल रहा है। भारतीय कंपनियों के आइटी सेक्टर में निवेश से तकनीक और प्रयोगधर्मिता बढ़ रही है। अमेरिका में भारतीय कंपनियां रिसर्च और अनुसंधान के माध्यम से नॉलेज के क्षेत्र में भी अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही हैं।
दरअसल कोरोना के बाद से दुनिया के सभी बड़े देशों की इकोनामी पर गहरा प्रभाव पड़ा है। इससे उबरने के लिए सभी कोशिश में लगे हैं। जिन चीजों को पूरी तरह से बंद किया गया था, अब वो सारी चीजें धीरे-धीरे खुल रही हैं। लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं। फैक्ट्रियों में काम शुरू हो गया है। नए स्टार्ट अप्स लगाए जा रहे हैं। जिन फैक्ट्रियों में ताले लग गए थे वो अब फिर से शुरू हो गए हैं।