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पहले ही दी चुकी थी थिअरम?
न्यू वेल्स: मैथमैटिक्स यानी गणित से ज्यादातर स्टू़डेंट्स दूर ही भागते हैं लेकिन इसके कुछ सिद्धांत ऐसे रहे हैं जिन्होंने गणितज्ञों को अमर कर दिया। इन्हीं में से एक Pythagoras Theorem यानी पाइथागोरस प्रमेय। हालांकि, दिलचस्प बात यह है कि ग्रीस के इस महान गणितज्ञ और दार्शनक को जिस थिअरम का श्रेय दिया जाता रहा है, अब ऐसे संकेत मिले हैं कि वह थिअरम Pythagoras से सदियों पहले दी जा चुकी थी।
पहले ही दी चुकी थी थिअरम?
इटली के क्रोटोन में पढ़ाते हुए Pythagoras को दर्शन के साथ गणित पढ़ाने के लिए जाना जा रहा था। उन्हें Pythagoras Theorem (90 डिग्री ऐंगल वाले त्रिकोण में a2 + b2 = c2, जहां a और b छोटे साइड्स की लंबाई दिखाते हैं और c सबसे लंबे साइड की) देने के लिए जाना जाता है। हालांकि, ईरान में 1894 में मिले 3700 साल पुराने एक आलेख का हवाला देते हुए एक गणितज्ञ ने दावा किया है कि यह थिअरम बहुत पहले दी जा चुकी थी और तब तक प्राचीन ग्रीस का विकास शुरू भी नहीं हुआ था। Si.427 नाम के आलेख को इस्तांबुल के एक म्यूजियम में रखा गया था।
Pythagoras थ्योरम
क्या होता था इस्तेमाल?
ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी के डॉ. डैनियल मैन्सफील्ड ने इसे स्टडी किया और बीबीसी साइंस फोकस मैगजीन को बताया कि यह पुरानी बेबलॉनियन सभ्यता का 1900-1600 BC के बीच का था। उन्होंने बताया है कि यह उस काल का अकेला ऐसा सबूत है जिसकी मदद से जमीन की सीमाओं को समझा जाता था। इस आलेख में जमीन की कानूनी और जियॉमेट्रिक डीटेल्स देखने को मिलती हैं। इस थिअरम की मदद से 90 डिग्री ऐंगल वाले सटीक आयत बनाए जा सकते हैं। यही Si.427 में देखने को मिलता है।
इतिहास पर भी होगा असर?
मैन्सफील्ड का कहना है कि शायद ही किसी को यह उम्मीद होगी कि बेबलॉनियन सभ्यता में ऐसे इन अंकों का इस्तेमाल किया जा रहा होगा। उस वक्त के प्रैक्टिकल सवालों के लिए मैथ्स का इस्तेमाल किया जा रहा था। इस खोज का मैथ्स के इतिहास पर भी गहरा असर होता है। उनका कहना है कि यह Pythagoras के जन्म से हजारों साल पहले हुआ था। तब जमीन निजी होना शुरू हुई थी और लोग इसे लेकर शर्तें रखने लगे थे। तब जमीन के बंटवारे के लिए इसका इस्तेमाल किया गया।
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