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शाही परिवार पर लगे नस्लवाद के आरोप, आर्काइव्ड पेपर्स ने खोले कई बड़े राज

Neha Dani
4 Jun 2021 9:35 AM GMT
शाही परिवार पर लगे नस्लवाद के आरोप, आर्काइव्ड पेपर्स ने खोले कई बड़े राज
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मुश्किल होगा क्योंकि हैरी और मेगन के आरोपों पर उन्होंने कहा था कि ‘शाही परिवार नस्लवादी नहीं है.’

ब्रिटेन (UK) के प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी मेगन मार्केल ने हाल ही में शाही परिवार (British Royal Family) पर नस्लवाद के बड़े आरोप लगाए थे. मेगन (Meghan Markle) ने बताया कि उनके बच्चे के जन्म से पहले ही शाही परिवार में उसके रंग को लेकर बातें होने लगी थीं. मेगन की मां अफ्रीकी मूल की अमेरिकी नागरिक हैं, जबकि उनके पिता श्वेत नागरिक हैं. हैरी (Prince Harry) और मेगन के आरोपों के बाद इस बात की काफी चर्चा होने लगी कि क्या वाकई में शाही परिवार नस्लवादी है? इस मामले पर अब आर्काइव्ड पेपर से कई बड़े खुलासे हुए हैं. ब्रिटेन के अखबार गार्जियन को यूके नेशनल आर्काइव से वो दस्तावेज मिले हैं, जो आज तक कभी सार्वजनिक नहीं हुए.

जिसमें पता चला है कि महारानी के दरबारियों ने कम से कम 1960 के दशक के अंत तक जातीय अल्पसंख्यक प्रवासियों और विदेशियों के बकिंघम पैलेस में कर्ल्क के पदों पर नियुक्त करने के लिए प्रतिबंध लगा दिया था (Racism in Royal Family). रिपोर्ट के अनुसार, महारानी के चीफ फाइनेंशियल मैनेजर ने 1968 में सिविल सेवकों से कहा था कि, 'अल्पसंख्यक प्रवासियों और विदेशियों को कर्ल्क के काम पर रखने की प्रथा कभी नहीं रही है (British Royal Family Response). लेकिन उन्हें घर के काम करने के लिए रखा जा सकता है.' हालांकि पैलेस ने ये नहीं बताया कि इस पॉलिसी को कब खत्म किया गया.
पैलेस ने अपने बयान में क्या कहा?
सीएनएन को केवल एक बयान में कहा गया है कि ये दावे सेकेंड हैंड संवाद पर आधारित हैं, जो 50 साल पुरानी बात है. उस समय की बातों को आधुनिक समय की घटनाओं से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. ये भी पता चला है कि दशकों पहले पैलेज 'क्वींस कंसेंट' नाम की संसदीय प्रक्रिया का पालन करता था (Racism Allegations on UK Royal Family). जिसका उद्देश्य कार्यस्थल से भेदभाव को रोकने वाले कानूनों से कुछ लोगों को छूट प्रदान करना था. जिसमें लोगों को उनकी जाति के आधार पर काम पर रखना शामिल है. महारानी आज भी इन कानूनों से मुक्त हैं. बंकिघम पैलेस ने इसपर कहा है कि शाही परिवार समानता के अधिनियम का पालन करता है.
बयान देने से क्यों बचती हैं महारानी?
महारानी एलिजाबेथ (Queen Elizabeth) की बात करें तो वह सार्वजनिक तौर पर बयान देने से बचती आई हैं और ताज की गरिमा बनाए रखने के लिए लगभग हर मुद्दे पर चुप रहना बेहतर समझती हैं. हालांकि इसी परिवार की नई पीढ़ी ने अब धीरे-धीरे हर मुद्दे पर अपनी बात रखना शुरू कर दिया है (Racism Claims Royal Family). इनमें मानसिक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और समानता जैसे मुद्दे शामिल हैं. इन नए खुलासों को स्वीकार करना प्रिंस विलियम के लिए भी काफी मुश्किल होगा क्योंकि हैरी और मेगन के आरोपों पर उन्होंने कहा था कि 'शाही परिवार नस्लवादी नहीं है.'


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