विश्व
प्रधानमंत्री पर अनदेखी का आरोप : इमरान के सहयोगी बोले- अब ऊपर वाला ही पाकिस्तान का मालिक
Renuka Sahu
29 Jan 2022 12:51 AM GMT
x
फाइल फोटो
पाकिस्तान की सत्तारूढ़ इमरान सरकार की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ के सहयोगी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद ने प्रधानमंत्री पर नवाज शरीफ के चक्कर में आम लोगों की अनदेखी का आरोप लगाया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान की सत्तारूढ़ इमरान सरकार की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सहयोगी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू) ने प्रधानमंत्री पर नवाज शरीफ के चक्कर में आम लोगों की अनदेखी का आरोप लगाया है। पीएमएल-क्यू के अध्यक्ष चौधरी शुजात हुसैन ने कहा, यदि इसी तरह चलता रहा तो ऊपर वाला ही देश का मालिक है और वहीं देश की रक्षा कर सकता है।
पीएमएल-क्यू का आरोप है कि इमरान खान पूर्व पीएम नवाज शरीफ को वापस लाने में समय बर्बाद कर रहे हैं और इसी वजह से आम लोगों के मुद्दों की अनदेखी हो रही है। इसलिए सरकार को शरीफ की वापसी में अपना समय बर्बाद करना बंद करना चाहिए।
चौधरी शुजात हुसैन ने कहा कि सरकार 2019 से लंदन में रह रहे नवाज शरीउ को वापस नहीं ला पाएगी। बता दें कि पिछले साल दिसंबर में पीएम के आंतरिक सलाहकार शहजाद अकबर ने कहा था कि इस्लामाबाद शरीफ के प्रत्यर्पण मामले को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रहा है।
जुलाई-दिसंबर में पाक का विदेशी कर्ज बढ़कर 10.4 अरब डॉलर
एक तरफ पाकिस्तान में अंदरूनी राजनीति चरम पर है और दूसरी तरफ देश की माली हालत बिगड़ती जा रही है। पाकिस्तान ने गत छह माह में 10.4 अरब डॉलर का कर्ज लिया, जो इसी अवधि की तुलना में 78 फीसदी अधिक था। आर्थिक मामलों के मंत्रालय ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के जुलाई-दिसंबर के दौरान सकल विदेशी कर्ज 9.3 अरब डॉलर रहा। उधर, सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि सरकार पुराने कर्ज को चुकाने के लिए विदेशी कर्ज ले रही है।
पाक एनएसए बोले, अफगानिस्तान से बिगड़ सकते हैं रिश्ते
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ ने कहा है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच रिश्ते बिगड़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा, अफगानिस्तान-पाकिस्तान के बीच डूरंड सीमा रेखा पर फेंसिंग विवाद के बावजूद दोनों देशों की सरकारें मिलकर काम करने की कोशिश कर रही हैं।
लेकिन अफगानिस्तान में तालिबान का विरोध करने वाले लोग इस मुद्दे को भड़का रहे हैं। उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में कई आतंकी गुट सक्रिय हैं जिनके चलते दो देशों में रिश्ते बिगड़ सकते हैं। उन्होंने नेशनल असेंबली की विदेश मामलों की स्थायी समिति को आंतरिक और विदेशी सुरक्षा स्थिति पर एक ब्रीफिंग में यह बात कही है।
Renuka Sahu
Next Story