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काबुल. आज से ठीक एक हफ्ते पहले यानी 15 अगस्त को तालिबान ने काबुल (Taliban Rules Afghanistan) पर कब्जा किया था. औपचारिक तौर पर अफगानिस्तान में अभी तालिबान की सरकार नहीं बनी है. लेकिन कट्टरपंथी तालिबानियों ने एक हफ्ते के अंदर ही अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. कहा जा रहा है कि तालिबान के लड़ाकों ने अभी से ही कई सरकारी संस्थानों पर कब्जा जमा लिया है. अफगानिस्तान की जानी-मानी टीवी एंकर शबनम खान दावरान (Shabnam Khan Dawran) ने दावा किया है कि तालिबान ने बच्चों के स्कूल और कॉलेज के सर्टिफिकेट जलाने शुरू कर दिए हैं. बता दें कि शबनम रेडियो टेलीविजन अफगानिस्तान (RTA) में काम करती है. पिछले दिनों उन्हें भी ऑफिस घुसने से मना कर दिया गया था.
शबनम खान दावरान ने ट्विटर पर एक फोटो शेयर किया है. जहां देखा जा सकता है कि सर्टिफिकेट का ढेर लगा है और उसमें आग लगी है. उन्होंने अपने पोस्ट में तालिबान का नाम नहीं लिया है. लेकिन उनके ट्वीट में लिखे शब्दों से समझा जा सकता है कि वो इस मंजर को देख कर बेहद परेशान है. उन्होंने लिखा है- ये भगवान इससे क्या साबित हो रहा है?
पिछले दिनों एंकर शबनम दावरान को तालिबानों ने उन्हें घर में रहने की धमकी दी थी. आरटीए पश्तो चैनल के लिए पिछले छह साल से काम करने वाली शबनम ने कहा था, 'मैं काम पर लौटना चाहती थी, लेकिन उन्होंने मुझे काम करने नहीं दिया. उन्होंने मुझसे कहा कि व्यवस्था बदल गई है और आप काम नहीं कर सकतीं.' उन्होंने आगे कहा, 'तुम औरत हो, घर जाओ.'
बता दें कि पूरे अफगानिस्तान में इस वक्त डर और खौफ का मंजर है. लोग तालिबान के पुराने राज को याद करते हुए सहम जाते हैं. साल 1996 से 2001 के बीच जब अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता थी तो लोगों का जीना मुश्किल हो गया था. तालिबान के शरिया कानून में महिलाओं के घर से अकेले निकलने पर पाबंदी थी. लड़िकयों की पढ़ाई लिखाई पर बैन लगा दिया गया था. किसी भी खेल में हिस्सा लेना और सिनेमा देखना भी हराम था. हालांकि तालिबान ने इस बार दावा किया है कि उनकी सत्ता पहले से अलग होगी.
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