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जो व्यक्तिगत स्वास्थ्य और मानवता के अस्तित्व दोनों के लिए खतरा है।
यूरोपीय देशों में गर्मी के सारे रिकार्ड टूट गए हैं। ब्रिटेन, स्पेन, फ्रांस, पुर्तगाल, इटली और टर्की में गर्मी से हाहाकार मचा है। इन मुल्कों में गर्मी ने सारे रेकार्ड तोड़ दिए हैं। हीटवेव से अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। भीषण गर्मी ने ट्रेनों के पहिए तक पिघला दिए हैं। गर्मी से रेलवे सिग्नल पिघल रहे हैं तो कहीं रेलवे ट्रैक फैल रहा है। इससे ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा है। ऐसे में जानते हैं कि यूरोपीय देशों में हीटवेव के प्रमुख कारण क्या हैं। इसके पूर्व यूरोपीय देशों में हीटवेव कब हुआ था। डब्ल्यूएचओ ने क्या चेतावनी जारी किया है।
यूरोप में हीटवेव का प्रमुख कारण (Major Cause of Heatwave in Europe)
1- विश्व मौसम विज्ञान संगठन के मुताबिक यूरोप में हीटवेव ग्रीष्म लहर का प्रमुख कारण अफ्रीका से प्रवाहित होने वाली गर्म हवाए तथा भारत, पाकिस्तान, मध्य पूर्व और आस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में अत्यधिक गर्मी की स्थिति है। संगठन का कहना है कि वैश्विक तापमान बढ़ने से हीटवेव की समस्या उत्पन्न हुई है। बता दें कि वर्ष 2019 में यूरोप में इसी तरह से हीटवेव की समस्या उत्पन्न हुई थी।
2- कुछ वैज्ञानिक इस हीटवेव की वजह जलवायु परिवर्तन को मानते हैं। जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप हाल में इस प्रकार की अप्रत्याशित घटनाओं में वृद्धि हुई है। ग्रीन हाउस गैसों की बढती सांद्रता के कारण भी तापमान बढ़ रहा है, जो ग्रीष्म लहर की घटनाओं के लिए उत्तरदायी है। संगठन के मुताबिक यदि वर्तमान प्रवृत्ति जारी रही तो यूरोप में हीटवेव वर्ष 2040 तक ऐसे ही प्रत्येक वर्ष आती रहेगी। यदि यही प्रक्रिया निरंतर चलती रही तो वर्ष 2100 तक वहां का तापमान लगभग 3-5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है।
कैसे तय होता है हीटवेवे, क्या हैं मानक (What is Heatwave)
WMO ने वर्ष 2016 में प्रकाशित अपने दिशा-निर्देशों में तापमान और मानवीय गतिविधियो जैसे कुछ कारको को ग्रीष्म लहर के मानक आधार के रूप में चिह्नित किया था। भारत के मौसम विभाग ने मैदानी क्षेत्रों में 40 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी क्षेत्रों में 30 डिग्री सेल्सियस तापमान को हीटवेव के मानक के रूप में निर्धारित किया है, जहां सामान्य तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से कम रहता है वहां पांच से छह डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ने पर सामान्य हीटवेव तथा सात डिग्री सेल्सियस से अधिक तामपान बढ़ने पर गंभीर हीटवेव की घटनाएं होती है।
डब्ल्यूएचओ ने जारी किया गाइडलाइन
1- डब्ल्यूएचओ के यूरोप के क्षेत्रीय निदेशक हैंस क्लूज ने कहा है कि स्पेन और पुर्तगाल में हीटवेव की वजह से अब तक 1,700 लोगों की मौत हो चुकी है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, हीटवेव के कारण लगी आग दक्षिणी यूरोप से लेकर उत्तर में स्कैंडिनेविया तक फैल गई है। सरकारों को जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक पेरिस समझौते को लागू करने में राजनीतिक इच्छाशक्ति और वास्तविक नेतृत्व का प्रदर्शन करने की जरूरत है। इस सप्ताह की घटनाएं जलवायु परिवर्तन से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सख्त आवश्यकता की ओर इशारा करती हैं। हमारे समय का यह व्यापक संकट है जो व्यक्तिगत स्वास्थ्य और मानवता के अस्तित्व दोनों के लिए खतरा है।
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