विश्व

ब्रिटेन में अब तक के सभी रिकॉर्ड टूटे, इस बार 10 गुना बढ़ा हीटवेव, वैज्ञानिकों ने किया बड़ा दावा

Renuka Sahu
29 July 2022 4:41 AM GMT
All records broken so far in Britain, this time the heatwave increased by 10 times, scientists made a big claim
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फाइल फोटो 

ब्रिटेन में इन दिनों झुलसा देने वाली गर्मी पड़ रही है. वैज्ञानिकों ने इसके लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार बताया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ब्रिटेन में इन दिनों झुलसा देने वाली गर्मी पड़ रही है. वैज्ञानिकों ने इसके लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार बताया है. उनका मानना है कि यह पहले की तुलना में कम से कम 10 गुना अधिक है. 19 जुलाई को हीथ्रो एयरपोर्ट पर तापमान 40 डिग्री से ऊपर चढ़ गया और देश भर के 46 लोकल टेम्परेचर मॉनिटरिंग स्टेशनों पर रिकॉर्ड टूट गए. एम्बुलेंस के लिए इमरजेंसी कॉल बढ़ गई और लंदन के आसपास के इलाकों में आग लगने की एक श्रृंखला शुरू हो गई.

जलवायु विज्ञानियों का कहना है कि यह जलवायु परिवर्तन मानव निर्मित है. लोगों ने दुनिया को पूर्व-औद्योगिक काल के तापमान से 1.2 डिग्री ज्यादा गर्म कर दिया है. बिना जलवायु परिवर्तन के ऐसी घटनाओं की संभावना बहुत कम होती है. इंपीरियल कॉलेज लंदन के क्लाइमेट साइंटिस्ट फ्रेडरिक ओटो ने कहा कि हम एक ऐसी दुनिया में रह रहे हैं, जहां तापमान बहुत तेजी से बढ़ रहा है. वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन (WWA) के अनुसार जलवायु परिवर्तन हीट वेव को लगातार और अधिक गंभीर बना रहा है.
जलवायु परिवर्तन से कैसे बढ़ा हीटवेव?
जलवायु परिवर्तन ने ब्रिटेन में हीट वेव को कैसे इनफ्लुएंस किया यह निर्धारित करने के लिए ओटो समेत 21 क्लाइमेट विज्ञानियों ने अतीत के साथ आज की जलवायु की तुलना करने के लिए मौसम डेटा और कंप्यूटर सिमुलेशन तकनीक का उपयोग करके घटना का विश्लेषण किया. हालांकि वैज्ञानिकों ने कहा कि उनके अनुमान कंजर्वेटिव थे, क्योंकि पश्चिमी यूरोप में तापमान उनके जलवायु मॉडल की तुलना में अधिक बढ़ गया है.
मई में WWA ने कहा था कि इस साल मार्च और अप्रैल में दक्षिण एशिया में हीट वेव जलवायु परिवर्तन के कारण 30 गुना अधिक होने की संभावना है. हालांकि ब्रिटेन में हीट वेव के बारे में साइंटिस्ट इस तरह का कोई निश्चित बयान नहीं दे पाए. फिर भी क्लाइमेट विज्ञानियों ने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि पिछले अलर्ट कितनी जल्दी सच साबित हो रहे हैं.
यूके मेट ऑफिस हैडली सेंटर में क्लाइमेट साइंटिस्ट फ्रेजर लॉट ने कहा कि दो साल पहले यूके मेट ऑफिस के वैज्ञानिकों ने पाया कि यूके में 40 डिग्री की गर्मी देखने का मौका अब 100 साल में 1 बार है, जबकि पहले नेचुरल क्लाइमेट में यह 1000 साल में 1 बार था.
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