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पड़ोसी देशों को भी उत्तर कोरिया के अंदर की जानकारी मिलने का हेसन शहर ही एक जरिया है।
पूरी दुनिया में मशहूर दक्षिण कोरियाई पॉप संगीत (के पॉप) देखने या उसके वीडियो बांटने पर पिछले एक दशक में 23 लोगों को सरेआम मौत के घाट उतारा जा चुका है। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन का कहना है कि यह संगीत कैंसर जितना जहरीला है और इसीलिए यह उत्तर कोरिया में पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
मानवाधिकार की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सियोल में केंद्रित ट्रांजिशनल वर्किंग ग्रुप नाम के एक संगठन ने वर्ष 2015 से 683 ऐसे लोगों का इंटरव्यू लिया है जो वहां से भाग कर आए हैं। इनकी मदद से उत्तर कोरिया के उन स्थानों को चिन्हित किया गया जहां सरकारी स्तर पर सार्वजनिक स्थलों पर लोगों की हत्या की गई है। उन लोगों को किम सरकार की ऐसी 23 हत्याओं के दस्तावेज तैयार किए हैं।
एक दशक पहले किम के सत्ता में आने के बाद उन्होंने दक्षिण कोरियाई इंटरटेनमेंट पर हमला किया। उन्होंने संगीत, फिल्मों और टीवी ड्रामा सभी पर प्रतिबंध लगा दिया। साथ ही कहा कि यह सब कुछ उत्तर कोरिया के लोगों के लिए एकदम भ्रष्ट है।
पिछले दिसंबर में उन्होंने एक कानून भी बना दिया जिसके तहत दक्षिण कोरियाई मनोरंजन से रूबरू होने पर फांसी की सजा भुगतनी होगी। किम ने यह कदम उत्तर कोरियाई जनता में अपनी दहशत बनाए रखने के लिए उठाया है। ताकि संगीत सुनने वाले या फिल्म देखने वाले को सार्वजनिक रूप से फांसी पर चढ़ाया जा सके। हालांकि मीडिया पर पूरी पाबंदी वाले उत्तर कोरिया में यह पता करना बेहद मुश्किल है कि तानाशाह नेता ने अब तक वहां कितने लोगों को बीच सड़क पर मरवाया है। लेकिन सियोल के संगठन ने उत्तर कोरिया और चीन की सीमा पर स्थित हेसन लोगों के मारे जाने की गिनती की है। ताकि उस शहर में लोगों की मौत का हिसाब रखा जा सके। सिर्फ हेसन में ही 2012 और 2014 के बीच छह लोगों को मारा गया है। पड़ोसी देशों को भी उत्तर कोरिया के अंदर की जानकारी मिलने का हेसन शहर ही एक जरिया है।
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