युद्धग्रस्त यूक्रेन के खगोलविदों ने कीव के ऊपर यूएफओ उड़ने का दावा किया है। इस संबंध में यूक्रेन के नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज के मेन एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेटरी की ओर से एक पेपर प्रकाशित किया गया है। 'अनआईडेंटिफाईड एरियल फेनामेना ऑब्जर्वेशन ऑफ इंवेंट' शीर्षक वाले इस पेपर में कहा गया है कि कीव में दो उल्का अवलोकन स्टेशन और पास के विनारिवका गांव में यूएफओ का पता लगाया गया है। यूक्रेनी खगोलविदों की ओर से किए गए इस तरह के दावे पर अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या एलियन रूस और यूक्रेन की जंग पर नजर रख रहे हैं?
Live Science की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका ने यूक्रेन के खगोलविदों के दावे को सही नहीं ठहराया है। उसने कहा है कि जिसे यूएफओ बताया जा रहा है वो यूक्रेन में चल रहे युद्ध में इस्तेमाल किए जा रहे विमान और ड्रोन की ओर इशारा करती है। वहीं, यूक्रेन के खगोलविदों का कहना है, 'हमने उनको हर जगह देखा है। हमने ऐसी कई बड़ी वस्तुओं को जांच पड़ताल की जिनकी प्रकृति स्पष्ट नहीं हुई है। जहाजों के एक ग्रुप और स्क्वाड्रन का पता लगाया है जो कि 3 से 5 डिग्री प्रति सेकेंड की रफ्तार से आगे बढ़ रहे थे।'
एक विशासकाय तो दूसरा फैंटम जैसा
पेपर में यूक्रेन में दिखे यूएफओ को दो प्रकारों में रखा गया है। जिसमें एक है विशालकाय दिखने वाला है जबकि दूसरा फैंटम है। पहला चमकीला दिखाई देता है जबकि दूसरा सभी तरह की रोशनी को अपने भीतर समेटने वाला नजर आता है जिसकी वजह से वो दिखाई नहीं देता है। यूक्रेनी रिसर्चरों का कहना है कि आंख एक सेकेंड के दसवें हिस्से से कम समय तक चलने वाली घटनाओं को देख नहीं पाती है। क्योंकि एक घटना को पहचानने में एक सेकेंड का चार दसवां हिस्सा लगता है।
नॉर्मल वीडियो रिकॉर्डर नहीं कर पाएगा कैप्चर
साधारण कैमरा और वीडियो रिकॉर्डर भी यूएफओ को कैप्चर नहीं करेगी। हालांकि, अभी तक इन रिपोर्टों की पूरी तरह से पुष्टि नहीं हो पाई है कि आखिर यूक्रेन के खगोलविदों का दावा सच है या फिर उन्होंने आकाश में उड़ने वाली कुछ और वस्तुओं को यूएफओ समझ लिया है।