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आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के दोबारा वित्त मंत्री बने अली साबरी, पहली नियुक्ति के 24 घंटे बाद ही दिया था इस्तीफा

Subhi
9 April 2022 1:05 AM GMT
आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के दोबारा वित्त मंत्री बने अली साबरी, पहली नियुक्ति के 24 घंटे बाद ही दिया था इस्तीफा
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श्रीलंकाई वित्त मंत्री के पद पर नियुक्त होने के 24 घंटों के भीतर अपना इस्तीफा सौंपने वाले अली साबरी ने शुक्रवार को फिर से पद संभाल लिया तथा अब वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से बातचीत करने वाली श्रीलंका की टीम का नेतृत्व करेंगे. श्रीलंका फिलहाल विदेशी मुद्रा के अभूतपूर्व अभाव से उबरने के लिए प्रयासरत है.

श्रीलंकाई वित्त मंत्री के पद पर नियुक्त होने के 24 घंटों के भीतर अपना इस्तीफा सौंपने वाले अली साबरी ने शुक्रवार को फिर से पद संभाल लिया तथा अब वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से बातचीत करने वाली श्रीलंका की टीम का नेतृत्व करेंगे. श्रीलंका फिलहाल विदेशी मुद्रा के अभूतपूर्व अभाव से उबरने के लिए प्रयासरत है.

पूर्व न्याय मंत्री साबरी ने शुक्रवार को संसद में कहा कि उन्होंने तुलनात्मक दृष्टि से उनसे बेहतर व्यक्ति को पद सौंपने के लिए इस्तीफा दिया था, लेकिन कोई भी इस पद को संभाने के लिए आगे नहीं आया, इसलिए उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में कार्य करने का निर्णय लिया है. साबरी ने संसद में कहा, ''मैं अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए आवश्यक प्रयास के लिए वित्त मंत्री बना रहूंगा.''

चार अप्रैल को वित्त मंत्री नियुक्त हुए थे साबरी

राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने अपने छोटे भाई बासिल राजपक्षे को वित्त मंत्री पद से हटाने के बाद चार अप्रैल को साबरी को वित्त मंत्री नियुक्त किया था. राष्ट्रपति के भाई बासिल राजपक्षे सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (एसएलपीपी) के भीतर नाराजगी के केंद्रबिंदु थे. साबरी ने सरकार के विरुद्ध व्यापक प्रदर्शन के 24 घंटों के भीतर अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंप दिया था, लेकिन उन्होंने (राष्ट्रपति ने) इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था.

श्रीलंका की टीम की आईएमएफ से बातचीत 11 अप्रैल को शुरू होगी. इस वार्ता के दौरान श्रीलंका की आर्थिक स्थिति को संभालने के लिए संभावित सहयोग तथा विदेशी ऋण को पुनर्गठित करने के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी.

मुख्य विपक्षी दल की सरकार को धमकी

इस बीच श्रीलंका की मुख्य विपक्षी पार्टी एसजेबी ने शुक्रवार को घोषणा की कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की सरकार सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रही जनता की चिंताओं को दूर करने के लिए कदम उठाने में यदि विफल रहती है तो वह उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी.


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