नेपाल के कार्यवाहक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) को सत्ताधारी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी से बेदखल कर दिया गया है. उन्हें स्प्लिन्टर ग्रुप (अलग हुए दल) की सेंट्रल कमिटी मीटिंग ने पार्टी से बाहर निकाला है. समाचार एजेंसी एएनआई से इस खबर की पुष्टि करते हुए स्प्लिन्टर ग्रुप के प्रवक्ता नारायण काजी श्रेष्ठ ने कहा है, 'उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई है.' इस समय नेपाल राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है. यहां संसद भंग होने के बाद से ही राजनीतिक उथल पुथल तेज हो गई है. एक ओर नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ज्ञावली ने कहा है कि वह देश की आंतरिक समस्या में बाहरी हस्तक्षेप को मंजूरी नहीं देंगे, तो वहीं दूसरी ओर चीन इस मामले में हस्तक्षेप की पूरी कोशिश कर रहा है.
विदेश मंत्री ने ये भी कहा था कि नेपाल अपनी समस्याएं सुलझाने में खुद सक्षम है और इसके लिए उसे किसी बाहरी दखल की जरूरत नहीं है. केपी शर्मा ओली ने अचानक देश की संसद को भंग कर दिया था. जिसके बाद चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के उपमंत्री के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल काठमांडू भेजा गया था. ताकि यहां चल रही समस्याओं को सुलझाया जा सके.
चीन के इस उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने नेपाल आने के बाद यहां के शीर्ष नेताओं से बात की थी. लेकिन वो भी कुछ संभाल नहीं पाया. उसकी इस कोशिश की भी बाद में काफी आलोचना की गई. वहीं विदेश मंत्री ने भारत और नेपाल के रिश्तों पर कहा था कि दोनों ही देश के संबंध काफी अच्छे हैं और वह एक दूसरे के साथ संबंधों की तुलना नहीं कर सकते हैं. हालांकि उन्होंने पार्टी नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड की भूमिका को लेकर कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया था.