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अंतरराष्ट्रीय कानून और दोहा समझौते का उल्लंघन करार दिया.
अमेरिका ने आतंक के खिलाफ ऑपरेशन में बड़ी कामयाबी मिली है और काबुल में ड्रोन हमले में अल कायदा सरगना अयमान अल-जवाहिरी (Ayman al-Zawahiri) को मार गिराया है. जवाहिरी की मौत के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने खुद व्हाइट हाउस से सफल ऑपरेशन को लेकर ऐलान किया और बताया कि CIA ने ड्रोन स्ट्राइक में अल जवाहिरी को मार गिराया है. बता दें कि अल जवाहिरी के तार 11 सितंबर 2001 को अमेरिका के ट्विन टॉवर पर हुए विमान हमलों से जुड़े थे.
एक खास आदत की वजह से मारा गया अल जवाहिरी
अल कायदा चीफ अल जवाहिरी (Ayman al-Zawahiri) अपनी एक खास आदत की वजह से मारा गया. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि जवाहिरी को बार-बार अपने घर की बालकनी पर आने की आदत थी, जो उसे भारी पड़ गई. बालकनी में आने की आदत की वजह से अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए (CIA) के अधिकारियों को जवाहिरी के काबुल में छिपे होने की भनक लग गई और उन्होंने रिपर ड्रोन से हेलफायर मिसाइलें दागकर जवाहिरी का काम तमाम कर दिया.
तालिबानी गृहमंत्री ने दी थी अल जवाहिरी को शरण
बताया जा रहा है कि तालिबानी गृहमंत्री शिराजुद्दीन हक्कानी (Sirajuddin Haqqani) ने अल जवाहिरी (Ayman al-Zawahiri) को शरण दे रखी थी. इस हमले में हक्कानी के एक रिश्तेदार कमांडर के भी मारे जाने की खबर है. जवाहिरी के साथ उसका परिवार भी इसी मकान में रह रहा था.
कोई भी अमेरिकी सैनिक काबुल में नहीं था मौजूद
इस ऑपरेशन की खास बात है कि इसके लिए कोई भी अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में मौजूद नहीं था. अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि हमले के दौरान हमारा कोई भी सैनिक काबुल में मौजूद नहीं था. राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के आदेश पर अमेरिका ने 31 जुलाई को ड्रोन के जरिए सटीक हमला किया और अल जवाहिरी (Ayman al-Zawahiri) को मार गिराया.
तालिबान ने की काबुल में हमले की निंदा
अमेरिका द्वारा काबुल में किए गए इस ऑपरेशन की तालिबान ने निंदा की है और इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है. तालिबान के प्रवक्ता जबिउल्लाह मुजाहिद (Zabiullah Mujahid) ने हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि काबुल के शेरपुर इलाके में 31 जुलाई की रात एयर स्ट्राइक हुई और जांच में पता चला कि इस हमले को अमेरिकी ड्रोन के जरिये अंजाम दिया गया. इसके साथ ही तालिबान ने ड्रोन अटैक की निंदा करते हुए अंतरराष्ट्रीय कानून और दोहा समझौते का उल्लंघन करार दिया.
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