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हमले के बाद बेल्जियम सरकार ने तीन दिनों तक राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया.
दुनिया के किसी हिस्से में अगर सबसे ज्यादा स्थिरता है तो वो है यूरोप (Europe). ऐसे में आतंकियों का निशाना हमेशा ही यूरोपियन मुल्कों को दहलाने का होता है. आज ही के दिन यूरोप के छोटे से मुल्क बेल्जियम (Belgium) को आतंकियों ने बम धमाकों से ऐसा दहलाया कि इसकी गूंज आज तक हर बेल्जियमवासी के कानों में गूंजती है. बेल्जियम में नाटो (NATO) और यूरोपियन यूनियन (European Union) का मुख्यालय स्थित है. इस कारण आतंकियों को यहां धमाका कर ये दिखाना था कि वे इन दोनों गठबंधनों को चुनौती दे सकते हैं. ब्रुसेल्स एयरपोर्ट और मालबीक मेट्रो स्टेशन पर हुए इन धमाकों में 35 लोगों की मौत हुई.
नवंबर 2015 में पेरिस पर हमला बोलने वाले आंतकी सेल के आतंकियों ने अब अपनी नापाक निगाहें बेल्जियम पर डालीं. 22 मार्च, 2016 की सुबह बेल्जियम तीन आत्मघाती धमाकों से हिल उठा. इसमें से दो जावेंथम में स्थित ब्रुसेल्स एयरपोर्ट (Brussels Airport) और एक सेंट्रल ब्रुसेल्स के मालबीक मेट्रो स्टेशन (Maalbeek metro station) पर हुआ. इस हमले में 32 आम नागरिक मारे गए, जबकि इन हमलों को अंजाम देने वाले तीन आतंकी भी मौत की नींद सो गए. दूसरी ओर, एयरपोर्ट पर एक बम भी बरामद हुआ, लेकिन इसे समय रहते ही डिफ्यूज कर दिया गया. खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (Islamic State) ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली.
आतंकियों ने बेल्जियम को निशाना क्यों बनाया?
इराकी गृह युद्ध के दौरान बेल्जियम की सेना ने भी आतंकियों के खिलाफ मोर्चा खोला था. 2014 में जब ISIS तेजी से इराक और सीरिया पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहा था तो उस दौरान बेल्जियम ने पूर्वी बगदाद में इसके एक ठिकाने पर बम गिराए थे. ऐसे में ISIS के खूंखार नेता अबु बक्र अल बगदादी (Abu Bakr al-Baghdadi) ने चेतावनी दी थी कि जिन मुल्कों ने आतंकी संगठन के ठिकानों पर बम बरसाए हैं. उन देशों पर जवाबी कार्रवाई की जाएगी.
चेक-इन-रो में लगे लोगों को बम से उड़ाया
ISIS के दो आतंकी बड़े से सूटकेस में विस्फोटक लेकर ब्रुसेल्स एयरपोर्ट के डिपार्चर हॉल में पहुंचे. यहां पहुंचते ही दोनों आतंकी चेक-इन-रो में घुस गए. सुबह 7.58 पर चेक-इन-रो 11 में पहला धमाका हुआ. इसके कुछ सेकेंड बाद ही चेक-इन-रो 2 में भी जबरदस्त धमाका हुआ. इस धमाके से लाइनों में लगे लोग हताहत हो गए. वहीं, जब दूसरा धमाका हुआ तो एक आतंकी इसमें घायल हो गया. ये आतंकी यहां तीसरा धमाका करने पहुंचा था, लेकिन घायल होने की वजह से वह अपने नापाक मंसूबों को अंजाम नहीं दे पाया. बाद में सुरक्षाबलों ने एयरपोर्ट से जिंदा बम बरामद किया.
ट्रेन को बम से उड़ाया
एयरपोर्ट पर हुए बम धमाकों की गूंज पूरे देश ने अब तक सुन ली थी. इन हमलावरों को सीसीटीवी फुटेज में देखा गया, जिसे जल्द ही टीवी पर प्रसारित कर दिया गया. ऐसे में अपनी आंखों के सामने निर्दोष लोगों को मारे जाते देख लोग परेशान थे. पूरे देश में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया. देश अभी दो धमाकों से उबरा भी नहीं था कि करीब एक घंटे बाद सेंट्रल ब्रुसेल्स के मालबीक मेट्रो स्टेशन पर सुबह 9.11 बजे एक जबरदस्त धमाका हुआ. ये मेट्रो स्टेशन यूरोपियन कमीशन के मुख्यालय के पास स्थित है.
ट्रेन सिटी सेंटर की ओर बढ़ रही थी, इसी दौरान इसके भीतर एक जबरदस्त धमाका हुआ. वहीं ड्राइवर ने सूझबूझ दिखाते हुए ट्रेन को बीच में ही रोक दिया और यात्रियों की बाहर निकलने में मदद करने लगा. इस धमाके के बाद बड़ी संख्या में सुरक्षा बल मेट्रो स्टेशन पर पहुंचे और इसे आम जनता के लिए बंद कर दिया गया. कुल मिलाकर ब्रुसेल्स में हुए इस हमले में 35 लोगों की मौत हुई और 300 से ज्यादा लोग बुरी तरह जख्मी हुए.
बेल्जियम के इतिहास का सबसे खूंखार आतंकी हमला
पुलिस और राहत-बचाव दल ने ब्रुसेल्स एयरपोर्ट से 17 और मेट्रो स्टेशन से 14 लाशों को उठाया. इसमें आतंकियों के शव भी शामिल थे. वहीं, घायलों में से चार लोगों की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. एयरपोर्ट पर हुए धमाके में 80 से अधिक लोग घायल हुए थे. इन बम धमाकों को बेल्जियम के इतिहास में सबसे भयानक आतंकी हमलों में गिना जाता है. हमले के बाद बेल्जियम सरकार ने तीन दिनों तक राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया.
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