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तालिबान की नाक में दम करने वाले अहमद मसूद अब भी अफगानिस्तान से भागे नहीं है, इसलिए नहीं आ रहे सामने: ऱिपोर्ट
Renuka Sahu
12 Sep 2021 2:35 AM GMT
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फाइल फोटो
पंजशीर घाटी में रेजिस्टेंस फोर्स का नेतृत्व करने वाले अहमद मसूद अभी भी अफगानिस्तान में ही हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेसक। पंजशीर घाटी में रेजिस्टेंस फोर्स का नेतृत्व करने वाले अहमद मसूद अभी भी अफगानिस्तान में ही हैं। हालांकि, पंजशीर के 70 फीसदी मुख्य इलाकों पर अब तालिबान का कब्जा हो चुका है। ईरानी की न्यूज एजेंसी 'फार्स' ने कुछ सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। पूर्व अफगान गुरिल्ला कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद के तुर्की या किसी और देश भागने की अफवाहें झूठी हैं। मसूद अफगानिस्तान में ही किसी सुरक्षित ठिकाने पर मौजूद हैं।
तालिबान ने बीते हफ्ते ही यह ऐलान किया था कि अब तक अजेय रहे पंजशीर प्रांत पर भी उसने कब्जा कर लिया है। हालांकि, तालिबान से लोहा ले रही विद्रोही सेना नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट यानी एनआरएफ ने इस दावे को खारिज किया था। एनआरएफ का नेतृत्व अहमद मसूद और पूर्व अफगान उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह कर रहे हैं। सालेह ने खुद को अफगानिस्तान का केयरटेकर राष्ट्रपति भी घोषित किया था।
बीते महीने 14 अगस्त को राजधानी काबुल पर कब्जे के बाद ही तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर नियंत्रण का ऐलान कर दिया था। हालांकि, पंजशीर घाटी पर अब तक उसका नियंत्रण नहीं हो सका था। वहीं, एनआरएफ का कहना था कि अभी भी वह पंजशीर के अहम इलाकों में मौजूद है और उनकी जंग जारी रहेगी।
मसूद के करीबी कासिम मोहम्मदी के हवाले से समाचार एजेंसी फार्स ने लिखा है, 'हालिया दिनों में तालिबान पंजशीर में घुसा है और अब 70 फीसदी मुख्य सड़कों पर उसका कब्जा है, लेकिन पंजशीर घाटी अब भी पूरी तरह विद्रोही बलों के नियंत्रण में है।'
बीते बुधवार, ताजिकिस्तान में अपदस्थ अफगान सरकार के राजदूत ने भी यह कहा था कि अहमद मसूद और अमरुल्लाह सालेह अफगानिस्तान से भागे नहीं है और उनकी सेना अभी भी तालिबान से लोहा ले रही है। राजदूत जाहिर अगबर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि वह सालेह से लगातार संपर्क में हैं और सुरक्षा कारणों की वजह से वे और रेजिस्टेंस लीडर्स किसी तरह के संवाद से दूर हैं।
इस बीच अमरुल्लाह सालेह के भतीजे ने शनिवार को बताया कि तालिबान ने सालेह के भाई और उनके ड्राइवर को पंजशीर घाटी में मार गिराया है। उन्होंने बताया कि रोहुल्लाह सालेह अजीजी अपनी गाड़ी से कहीं जा रहे थे और तभी तालिबान लड़ाकों ने एक चेकपॉइंट पर उनकी गाड़ी रोकी और गोलियां बरसा दीं।
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