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दुनिया के कई देशों में लागू है 'अग्निपथ' योजना, युवाओं में भारी गुस्सा

Neha Dani
18 Jun 2022 1:51 AM GMT
दुनिया के कई देशों में लागू है अग्निपथ योजना, युवाओं में भारी गुस्सा
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थाईलैंड जैसे 10 ऐसे देश हैं, जहां मिलिट्री में सेवा देना अनिवार्य और वॉलेंटियरी दोनों है.

देशभर में अग्निपथ योजना का विरोध हो रहा है. कई शहरों से आगजनी और हिंसा की खबरें आ रही हैं. सरकार की यह नई योजना अग्निपथ 'टूर ऑफ ड्यूटी एंट्री स्कीम' है. इस योजना के तहत सैनिकों को एक निश्चित समय के लिए कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर सेना (थलसेना, नवसेना, वायुसेना) में भर्ती मिलेगी और ट्रेनिंग के बाद युवाओं को अलग-अलग फील्ड में तैनात किया जाएगा.

युवाओं में भारी गुस्सा
युवाओं में रोष इस बात का है कि इस योजना से वो 4 साल के बाद बेरोजगार हो जाएंगे और उन्हें कोई नहीं पूछने वाला. लेकिन सरकार इसके पक्ष में दुनिया के तमाम देशों का उदाहरण भी पेश कर रही है.
कई देशों में पहले से लागू है योजना
ऐसे में यह जान लेना जरूरी है कि दुनिया के कुल कितने देशों में 'टूर ऑफ ड्यूटी' (Tour of Duty) स्कीम लागू है. वहां इसकी क्या शर्तें हैं? किन प्रमुख देशों में युवाओं के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य है? साथ ही कितने देश ऐसे हैं, जहां 4 साल या इससे कम के लिए सेना में भर्ती की जाती है.
इन देशों में यह नियम
आपको बता दें कि दुनिया में 30 से ज्यादा देश ऐसे हैं, जहां किसी न किसी तरह से टूर ऑफ ड्यूटी को लागू किया गया है. इनमें 10 देश तो ऐसे हैं, जहां पुरुष और महिलाओं दोनों को सेना में अनिवार्य रूप से सेवा देनी पड़ती है. इनमें चीन, इजराइल, स्वीडन, यूक्रेन, नॉर्वे, उत्तर कोरिया, मोरक्को, केप वर्दे, चाड, इरित्रिया जैसे देश शामिल हैं.
इजरायल

इजरायल में पुरुष और महिला, दोनों के लिए मिलिट्री सर्विस अनिवार्य है. पुरुष इजरायली रक्षा बल में 3 साल और महिला करीब 2 साल तक सेवा देती हैं. कुछ सैनिकों को अलग-अलग जिम्मेदारियों के तहत अतिरिक्त महीने की सेवा भी करनी पड़ सकती है. यह देश-विदेश में रह रहे इजरायल के सभी नागरिकों पर लागू होता है. सिर्फ मेडिकल आधार पर ही किसी को सेना छोड़ने की अनुमति मिल सकती है.

चीन

भारत के पड़ोसी देश चीन में भी लोगों को मिलिट्री में सेवा देना अनिवार्य है. ये टूर ऑफ ड्यूटी 18 से 22 साल उम्र के युवाओं के लिए होती है और इसकी सीमा दो साल तय की गई है. मकाऊ और हांग-कांग को इससे छूट दी गई है.

रूस

यहां नागरिक 18 से 27 साल की उम्र में कभी भी टूर ऑफ ड्यूटी कर सकते हैं. इसमें कम से कम 12 माह की सेवा देना अनिवार्य है.

ब्रिटेन

यहां आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के लिए अलग-अलग टूर ऑफ ड्यूटी की सीमा तय की गई है. आर्मी में 18 साल के ऊपर के नौजवानों को चार साल के लिए टूर ऑफ ड्यूटी करनी पड़ती है. 18 साल से पहले भर्ती होने वाले युवाओं को 22वें जन्मदिन तक टूर ऑफ ड्यूटी करनी पड़ती है. नेवी में ट्रेनिंग के बाद साढ़े तीन साल और एयरफोर्स में ट्रेनिंग के बाद तीन साल की सेवा देनी पड़ती है.

उत्तर कोरिया

यहां पुरुषों को तीनों सेनाओं में टूर ऑफ ड्यूटी के तहत काम करना पड़ता है. इसके तहत 23 महीने नेवी, 24 महीने वायु सेना और 21 महीने थल सेना में तैनाती दी जाती है.

ब्राजील

ब्राजील में 18 साल से अधिक की उम्र के लिए मिलिट्री सेवा जरूरी है. यह 1 साल के लिए होता है. 18 साल की उम्र पूरी होते ही यह हर पुरुष नागरिक पर लागू हो जाता है. सिर्फ स्वास्थ्य कारणों के आधार पर लोगों को छूट मिल सकती है. अगर आप यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं, तो सेवा टाली जा सकती है, लेकिन इसे रद्द नहीं किया जा सकता है.

रूस

रूस में 18 से 27 साल तक के युवाओं को अनिवार्य सैन्य सेवा जरूरी है. पहले यहां अनिवार्य सैन्य सेवा के लिए युवाओं को 2 साल देने पड़ते थे. लेकिन 2008 से इसे घटाकर मात्र 12 महीने कर दिया गया है. डॉक्टर, शिक्षक जैसे पदों पर नियुक्त लोगों के लिए इसमें ढील दी गई है. वहीं, जिन पुरुषों को 3 साल या उससे कम उम्र के बच्चें हों उन्हें भी इससे छूट मिली हुई है.

बरमूडा

बरमूडा में पुरुषों को सेना में भर्ती करने के लिए सरकार लॉटरी निकालती है. इसमें 18 से 32 वर्ष तक के पुरुषों की भर्ती की जाती है. इस लॉटरी में जिनका नाम आता है, उन्हें बरमूडा रेजिमेंट में अनिवार्य रूप से 38 महीनों के लिए सेवा देनी पड़ती है.

दक्षिण कोरिया

दक्षिण कोरिया में सभी सक्षम पुरुषों को सेना में 21 महीने, नौसेना में 23 महीने और वायुसेना में 24 महीने सर्विस देनी होती है. पुलिस फोर्स, कोस्ट गार्ड, फायर सर्विस सहित कई सरकारी विभाग में भी काम करने का ऑप्शन रहता है. दक्षिण कोरिया में सबसे अधिक साल तक अनिवार्य सैन्य सेवा करनी होती है. पुरुषों को करीब 11 साल तो महिलाओं के लिए करीब 7 साल तक सेवा देने का नियम है.

सीरिया

सीरिया में सभी पुरुषों के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य है. मार्च 2011 में अनिवार्य मिलिट्री सर्विस को 21 महीने से घटाकर 18 महीने कर दिया था. यहां नियम इतने सख्त हैं कि सैन्य सेवाओं को टालने वाले लोगों की नौकरी तक जा सकती है. सर्विस देने से भागने वाले लोगों को जेल की सजा तक का प्रावधान है. महिलाओं के लिए ऐसा नहीं है, वह वॉलंटियर सर्विस दे सकती हैं.

स्विट्जरलैंड

स्विट्जरलैंड में अनिवार्य सैन्य सेवा लागू है. यहां सभी सेहतमंद पुरुषों को वयस्क होते ही मिलिट्री में शामिल होना होता है. महिलाएं खुद चाहें तो सेना में शामिल हो सकती हैं, अन्यथा उनके लिए यह जरूरी नहीं है. यह सेवा करीब 21 हफ्ते की होती है. इसके बाद जरूरी ट्रेनिंग के अनुसार इसे बढ़ाया जा सकता है. आमतौर पर इसमें 6 ट्रेनिंग पीरियड होते हैं. हर ट्रेनिंग 19 दिन की होती है.

सिंगापुर

सिंगापुर में सैन्य सेवा अनिवार्य है. हर पुरुष को 18 साल की उम्र होते ही सिंगापुर आर्म्ड फोर्सेस में शामिल होना जरूरी है. इसके अलावा वह सिंगापुर सिविल डिफेंस फोर्स या फिर सिंगापुर पुलिस फोर्स में शामिल हो सकता है. इस नियम को तोड़ने वालों पर 10 हजार सिंगापुरियन डॉलर्स का जुर्माना, तीन साल की सजा या फिर दोनों लागू हो सकता है.

थाईलैंड

थाईलैंड में अनिवार्य सैन्य सेवा 1905 से लागू है. सभी पुरुषों को सेना में भर्ती होना जरूरी है. पुरुषों 21 साल की उम्र में पहुंचते ही सेना में भर्ती होना होता है.

तुर्की

तुर्की में भी सेना भर्ती जरूरी है. वे सभी पुरुष जिनकी उम्र 20 से 41 साल के बीच है, उन्हें तुर्की की सेना में शामिल होना ही होता है. जिनका हायर एजुकेशन या वोकेशनल ट्रेनिंग चल रहा होता है, वो कुछ दिन के लिए अपनी मिलिट्री ट्रेनिंग टाल सकते हैं.

नॉर्वे

नार्वे में 19 साल से लेकर 44 साल के नागरिकों को अनिवार्य रूप से सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करनी होती है.

इन देशों में भी अनिवार्य है मिलिट्री ट्रेनिंग

ऑस्ट्रिया, अंगोला, डेनमार्क, मैक्सिको, ईरान जैसे 15 देशों में सिविलियन और मिलिट्री ट्रेनिंग अनिवार्य है. इसके अलावा 11 ऐसे देश हैं, जहां नागरिकों के पास मिलिट्री ट्रेनिंग का विकल्प होता है. चीन, कुवैत, फ्रांस, सिंगापुर, माली, कोलंबिया, ताइवान, थाईलैंड जैसे 10 ऐसे देश हैं, जहां मिलिट्री में सेवा देना अनिवार्य और वॉलेंटियरी दोनों है.


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