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यूक्रेन के बाद अब डरे ये 3 देश? जानें वजह

Gulabi
16 Feb 2022 3:30 PM GMT
यूक्रेन के बाद अब डरे ये 3 देश? जानें वजह
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रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं
रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं. ऐसे में पूर्वी यूरोप (Europe) के तीन देश ऐसे हैं, जिन पर भी एक बड़ा खतरा मंडराने लगा है. दरअसल, अगर व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने यूक्रेन पर हमला करने का मन बना लिया, तो वह लिथुआनिया (Lithuania), लातविया (Latvia) और एस्टोनिया (Estonia) पर भी आक्रमण करने की कोशिश कर सकते हैं. पुतिन ने सोवियत यूनियन का हिस्सा रहे देशों को वापिस अपने खेमे की पहले भी इच्छा जताई है. ऐसे में बाकी के देशों को कब्जाने से पहले यूक्रेन को पहले कदम के रूप में देखा जा रहा है.
हालांकि, रूस ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि वह अपने सैनिकों को यूक्रेनी सीमा से पीछे कर रहा है. पुतिन यूक्रेन पर हमला करके और पूर्वी यूरोप के अन्य देशों में आगे बढ़ने की कोशिश कर सकते हैं. रूस यूरोप में जमीन कब्जाने के लिए एडोल्फ हिटलर के स्टाइल का इस्तेमाल करता है. क्रीमिया और जॉर्जिया इसका उदाहरण है. इसके अलावा, रूस पूर्वी यूरोप में बचे हुए तानाशाह राष्ट्रपतियों के साथ अपनी दोस्ती को बढ़ाता है और उन पर अपने प्रभाव को स्थापित करता है. पुतिन की चालों की तुलना उन दिनों चली जाने वाली चालों से की गई है, जिनका इस्तेमाल नाजियों ने द्वितीय विश्व युद्ध के दिनों में किया था और चेकोस्लोवाकिया को कब्जा लिया था.
बाल्टिक देशों के लोगों में डर
एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया पहले सोवियत यूनियन का हिस्सा थे. ऐसे में उन्हें डर है कि यूक्रेन के बाद अगला नंबर उन देशों का हो सकता है. एस्टोनियाई विदेश खुफिया सेवा के प्रमुख मिक मारन ने संभावित सैन्य संघर्ष की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि विभिन्न प्रकार के संकट पैदा होने की संभावना है. मारन ने कहा कि पूरी तरह से युद्ध की संभावना बेहद कम है. लेकिन यूक्रेन पर अगर हमला किया जाता है तो बाल्टिक देशों पर अपने आप ही दबाव बन जाएगा. फॉरेन पॉलिसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि बाल्टिक देशों में रहने वाले लोगों को अब ये डर सता रहा है कि अगला नंबर उनका हो सकता है.
रूस के सीमा साझा करते हैं तीनों देश
लातविया, लिथुआनिया और एस्टोनिया सभी नाटो (NATO) के सदस्य हैं. ऐसे में अगर रूस उनमें से किसी पर हमला करता है तो नाटो गठबंधन करारा जवाब दे सकता है. बाल्टिक देशों में से हर एक में लगभग एक हजार सैनिक तैनात हैं. इन्हें 2014 से ही यहां तैनात किया गया है, जब रूस ने क्रीमिया को कब्जा लिया था. ये देश रूस के साथ भूमि सीमा साझा करते हैं और कलिनिनग्राद (Kaliningrad) के रूसी सैन्य एन्क्लेव के करीब हैं. वहीं, रूस ने आज क्रीमिया से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है. रूस की तरफ से एक वीडियो भी जारी किया गया है.
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