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इस बयान के बाद चीन ने दी धमकी, कहा- हम लगातार करेंगे परमाणु बमों का उपयोग

Gulabi
21 July 2021 2:00 PM GMT
इस बयान के बाद चीन ने दी धमकी, कहा- हम लगातार करेंगे परमाणु बमों का उपयोग
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इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर भू-राजनीतिक तनाव के बीच

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र (Indo-Pacific Region) में बड़े पैमाने पर भू-राजनीतिक तनाव के बीच, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (China Communist Party) ने जापान को 'ताइवान में बीजिंग के हितों' में हस्तक्षेप करने पर 'न्यूक्लियर रिस्पॉन्स' और 'युद्ध' की धमकी दी है. चीन की सरकारी मीडिया द्वारा प्रसारित एक वीडियो मैसेज में जापान को 'गैर-परमाणु देशों के खिलाफ परमाणु हथियारों (Nuclear Weapons) का इस्तेमाल नहीं करने' की चीन की लंबे समय से चली आ रही नीति के अपवाद के रूप में बताया गया.

वीडियो में कथित तौर पर दावा किया गया, 'हम पहले परमाणु बमों का इस्तेमाल करेंगे और लगातार इसका इस्तेमाल करते रहेंगे. हम ऐसा तब तक करेंगे जब तक जापान दूसरी बार बिना किसी शर्त के आत्मसमर्पण की घोषणा नहीं कर देता. वीडियो पर दो मिलियन व्यूज आने के बाद इसे चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Xigua से हटा दिया गया. हालांकि ताइवान न्यूज के अनुसार यूजर्स ने इसकी कॉपी यूट्यूब और ट्विटर पर अपलोड कर दी
जापान को करनी चाहिए ताइवान की रक्षा
जापान टाइम्स ने कहा कि चीन की धमकी ताइवान की संप्रभुता के बारे में दो हफ्ते पहले जापानी अधिकारियों की टिप्पणियों के बाद आई है, जिसमें उप प्रधानमंत्री तारो एसो ने कहा था कि जापान को 'ताइवान की रक्षा' करनी चाहिए. बीजिंग ताइवान पर पूर्ण संप्रभुता का दावा करता है जबकि दोनों देश सात दशकों से अलग-अलग शासन कर रहे हैं. मेनलैंड चाइना के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित ताइवान करीब 24 मिलियन आबादी के साथ एक लोकतांत्रिक देश के रूप में काम कर रहा है.
ताइपे ने संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत जैसे प्रमुख लोकतंत्रों के साथ रणनीतिक संबंधों को मजबूत करके चीनी आक्रामकता का लगातार मुकाबला किया है. वहीं चीन चेतावनी दे चुका है कि 'ताइवान की आजादी का मतलब युद्ध है.' बीजिंग ने सितंबर 2020 के मध्य से ताइवान के क्षेत्र में नियमित रूप से लड़ाकू जेट विमानों में उड़ान भरकर अपनी ग्रे-ज़ोन रणनीतियों को आगे बढ़ाया है.
ताइवान को मिल रहा अमेरिका का सहयोग
बता दें कि अमेरिका ताइवान को वैक्सीन की खेप भेज चुका है. इस खेप के लोक स्वास्थ्य के क्षेत्र में मदद के साथ-साथ अपने भूराजनीतिक मायने भी हैं. चीन द्वारा ताइवान पर बढ़ रहे दबाव के समय में अमेरिका द्वारा की गई मदद उसके सहयोग को दर्शाता है. चीन ताइवान पर अपना दावा करता रहा है. अमेरिका का ताइवान के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं है.
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