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ऐसे में तालिबान के कब्जे के बाद तो और भी चिंता बढ़ गई है।
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से वहां रहे रहे लोगों की सुरक्षा को लेकर लगातार प्रश्न उठ रहा है। एक बार फिर से वहां रह रहे बच्चों की सुरक्षा को लेकर संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी ने चिंता प्रकट की है। एक रिपोर्ट में यह सामने आया है कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से बच्चों की सुरक्षा का मुद्दा गहरा रहा है। यहां पर बच्चों द्वारा उच्च स्तर की हिंसा को सहन किया गया है। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि वर्जीनिया गाम्बा ने चिंता प्रकट की है।
बच्चों के लिए खतरनाक जगहों में से एक बना अफगानिस्तान
इंटरनेशनल फोरम फार राइट्स ने कहा, 'अफगानिस्तान बच्चों के लिए सबसे खतरनाक जगहों में से एक बना हुआ है। मैं अफगानिस्तान में बच्चों द्वारा निरंतर और बढ़ते उच्च स्तर की हिंसा से स्तब्ध हूं, जिसमें युद्ध में पकड़े गए बच्चे भी शामिल हैं।'
पिछले साल की तुलना में इस साल बच्चों के हताहत होने का प्रतिशत बढ़ा
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMA) की मध्य वर्ष की रिपोर्ट भी अफगानिस्तान के बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता प्रकट की है। रिपोर्ट में इस साल 1 जनवरी से 30 जून के बीच बच्चों के हताहत होने की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई गई है। इस दौरान सभी नागरिक हताहतों में से लगभग 32 प्रतिशत बच्चे हताहत हुए, जिनमें से 20 प्रतिशत लड़के थे और 12 प्रतिशत लड़कियां थी। 1,682 बच्चे हताहतों के रूप में दर्ज किए गए। इस साल 2020 के पहले छह महीनों की तुलना में 55 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। इस साल लड़कियों की हताहतों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई, जो UNAMA द्वारा दर्ज किए गए उच्चतम स्तर को चिह्नित करती है, और लड़के हताहतों की संख्या में भी 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ऐसे में तालिबान के कब्जे के बाद तो और भी चिंता बढ़ गई है।
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