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अमेरिका में कोरोना से 300 बच्चों की मौत हुई है। हालांकि वयस्कों की तुलना में बच्चों की स्थिति बेहतर है।
कोरोना महामारी को मात देने के लिए अमेरिका में 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को टीका लगाने के फैसले ने मुश्किल खड़ी कर दी है। टीका लगने के बाद कुछ बच्चों को हृदय संबंधी तकलीफ सामने आने के बाद अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) ने जांच शुरू कर दी है।
जो भी मामले सामने आए हैं उनका टीके से कोई संबंध नहीं : सीडीसी
सीडीसी के वैक्सीन सेफ्टी ग्रुप का कहना है कि ऐसे बहुत कम मामले सामने आए हैं। उसे उम्मीद है कि जो भी मामले सामने आए हैं। उनका टीके से कोई संबंध नहीं है। बच्चों में जो तकलीफ देखी गई है उसे मायोकार्डिटिस कहते हैं। इसमें हृदय की मांसपेशियों में सूजन आती है जो कई तरह के संक्रमण के कारण भी संभव हैं।
सीडीसी ने शुरू की जांच, लेकिन किशोरों का टीकाकरण चलेगा, प्रति एक लाख पर हर साल 20 लोगों में मायोकार्डिटिस के लक्षण
न्यूयॉर्क के वेलव्यू हॉस्पिटल सेंटर के सेलिन गाउंडर का कहना है कि यह बस एक संयोग है कि टीके के बाद कुछ बच्चों में हृदय संबंधी तकलीफ देखने को मिली है। टीका बहुत से बच्चों को लग रहा है लेकिन कुछ चुनिंदा बच्चों में ऐसी तकलीफ देखने को मिली है। यह मात्र एक संयोग है लेकिन इसकी विस्तृत जांच जरूरी है।
दूसरी डोज के बाद दिखी तकलीफ
सीडीसी के अनुसार, किशोरों और युवाओं को टीके की दूसरी डोज लगने के 4 दिन बाद इस तरह के मामले सामने आए हैं। फाइजर और मॉडर्ना का टीका लगने के बाद इस तरह के मामले रिपोर्ट हुए हैं। हैरानी की बात यह है कि लड़कियों की तुलना में लड़कों में तकलीफ ज्यादा देखने को मिली है। राहत ये है कि तकलीफ बहुत हल्की देखी गई है। सीडीसी ने कहा है कि इसके बावजूद युवाओं का टीकाकरण जारी रहेगा।
वयस्कों की तुलना में बच्चे बेहतर
अमेरिका में 13 मई तक 39 लाख बच्चे कोरोना की चपेट में आए हैं। 16 हजार बच्चों को अस्पताल में जाना पड़ा है। यह संख्या फ्लू की चपेट में आकर अस्पताल जाने वाले बच्चों से भी अधिक है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार, अमेरिका में कोरोना से 300 बच्चों की मौत हुई है। हालांकि वयस्कों की तुलना में बच्चों की स्थिति बेहतर है।
Neha Dani
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