अमेरिका के अलबामा में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हत्या मामले में एक कैदी मैथ्यू रीव्स (43) को घातक इंजेक्शन लगाकर मौत की सजा दे दी गई। शीर्ष अदालत ने बचाव पक्ष के इन दावों को खारिज कर दिया कि दोषी व्यक्ति बौद्धिक रूप से दिव्यांग है।
राज्य के अटॉर्नी जनरल स्टीव मार्शल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मैथ्यू रीव्स के मृत्युदंड पर रोक लगाने के निचली अदालत के आदेश को निरस्त कर दिया, जिसके बाद होल्मन जेल में उसे मौत की सजा दी गई। स्थानीय समयानुसार रात नौ बजकर 24 मिनट पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। रीव्स को 1996 में वाहन चालक विली जॉनसन की हत्या का दोषी पाया गया था। जॉनसन ने उसे अपनी गाड़ी में बिठाया था।
चांद पर चलेगी जापान की क्रूजर कार
जापान की अंतरिक्ष एजेंसी के साथ मिलकर 'टोयोटा' कंपनी चंद्रमा की सतह की खोज के लिए एक वाहन (कार) पर काम कर रही है। इसका मकसद 2040 तक लोगों को चंद्रमा पर रहने में मदद करना है और फिर उसके बाद मंगल पर जाने की योजना है। इस वाहन का नाम लैंड क्रूजर के नाम पर 'लूनार क्रूजर' रखा गया है। यह वाहन दशक के अंत तक प्रक्षेपित करने की योजना है। छह पहिये वाली इस सेल्फ कार में दो लोग बैठकर 10,000 किमी तक जा सकते हैं।
परमार्थ संस्थाओं की सूची में भारतीय-अमेरिकी एनजीओ को 10वां स्थान
परमार्थ कार्य करने वाली संस्थाओं की हालिया सूची में वर्ष 2021 के लिए भारतीय-अमेरिकी गैर लाभकारी संस्था (एनजीओ) 'सेवा इंटरनेशनल' को 10वां स्थान हासिल हुआ है। पिछले साल कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान भारत और अमेरिका में किए गए सराहनीय कार्य के लिए इस संस्था को सूची में इस साल यह स्थान मिला है।
2020 में, 'बेनेविटी इंक' की सूची में सेवा इंटरनेशनल को 375वां स्थान प्राप्त हुआ था और 2019 में वह 690वें स्थान पर थी। 'बेनेविटी इंक' एक कॉर्पोरेट सॉफ्टवेयर प्रदाता कंपनी है। वर्ष 2021 में 'डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स' नामक संस्था ने सूची तैयार करने की प्रक्रिया का नेतृत्व किया। सेवा इंटरनेशनल के 'मार्केटिंग एंड फंड डेवलपमेंट' विभाग के उपाध्यक्ष संदीप खाडकेकर ने कहा, भारत में कोविड-19 संकट के दौरान गैर सरकारी संगठनों को अच्छा समर्थन मिला।
भारत में जन्मे पादरी बने ब्रिटिश चर्च के सबसे युवा बिशप
भारत में जन्मे पादरी रेवरेंड मालयिल लुकोस वर्गीस मुथलली उर्फ साजू चर्च ऑफ इंग्लैंड में सबसे युवा बिशप बने हैं। कैंटरबरी आर्कबिशप द्वारा साजू का अभिषेक मंगलवार को हुआ। इसके बाद वे लॉफबोरो के अगले बिशप होंगे। साजू की सिफारिश ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने की थी, जिसके बाद उन्हें महारानी एलिजाबेथ द्वारा नियुक्त किया गया। साजू ने इसे अपना सौभाग्य बताया।
साजू का बचपन केरल और बंगलूरू में बीता। उनकी मां नर्स थीं। साजू ने अब तक 21 साल इंग्लैंड में बिताए हैं। वह वर्तमान में रोचेस्टर में धर्म प्रांत सेंट मार्क, गिलिंगम और सेंट मैरी द्वीप में पादरी के रूप में कार्यरत हैं, जहां वह 2019 में नियुक्त हुए थे।