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तालिबान के कब्जे के बाद राजनीतिक अस्थिरता से दोनों देशों के बीच आएगी कारोबार में कमी

Kunti Dhruw
16 Aug 2021 5:31 PM GMT
तालिबान के कब्जे के बाद राजनीतिक अस्थिरता से दोनों देशों के बीच आएगी कारोबार में कमी
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अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां होने वाला भारतीय निर्यात प्रभावित होने की आशंका गहरा गई है।

नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां होने वाला भारतीय निर्यात प्रभावित होने की आशंका गहरा गई है। वहीं, पहले से किए गए निर्यात का भुगतान अटकने की भी आशंका जाहिर की जा रही है। भारत मुख्य रूप से टेक्सटाइल और चीन के साथ दवा का निर्यात अफगानिस्तान को करता है। दूसरी तरफ, अफगानिस्तान भारत को कई प्रकार के सूखे मेवे और प्याज का निर्यात करता है।

11,000 करोड़ रुपये से अधिक का है भारत-अफगान का सालाना द्विपक्षीय कारोबार
भारत-अफगानिस्तान का सालाना द्विपक्षीय कारोबार करीब 1.55 अरब डालर यानी 11,000 करोड़ रुपये मूल्य से अधिक का है। भारत अफगानिस्तान को सालाना लगभग 95 करोड़ डालर का निर्यात करता है। वहीं अफगानिस्तान से लगभग 60 करोड़ डालर मूल्य के सामानों का आयात किया जाता है।
फियो ने कहा- भुगतान के मामले में सावधानी की जरूरत
फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशंस (फियो) के सीईओ एवं महानिदेशक अजय सहाय ने बताया कि अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति को देखते हुए निर्यातकों खासकर भुगतान के मामले में सावधानी की जरूरत है।
राजनीतिक अस्थिरता से दोनों देशों के बीच आएगी कारोबार में कमी
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की वर्तमान राजनीतिक अस्थिरता से दोनों देशों के बीच कारोबार में कमी आएगी। पिछले कुछ महीनों में भारतीय निर्यातकों ने अफगानिस्तान में 6.23 लाख टन चीनी का निर्यात किया है। कई बार निर्यात के एक-दो महीने बाद भुगतान किए जाते हैं।
भारत के कुल निर्यात में अफगानिस्तान की हिस्सेदारी नहीं के बराबर
हालांकि निर्यातकों ने बताया कि भारत के कुल निर्यात में अफगानिस्तान की हिस्सेदारी नहीं के बराबर है, लेकिन पिछले दो वर्षो से अफगानिस्तान के साथ जो कारोबारी माहौल बन रहा था, उस पर अब संकट है।
2015-16 से लेकर 2019-20 तक: दोनों देशों के कारोबार में 89 फीसद की बढ़ोतरी
वर्ष 2015-16 से लेकर 2019-20 के दौरान दोनों देशों के कारोबार में 89 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई। वर्ष 2011 में भारत ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के सभी कम विकसित देशों (एलडीसी) के लिए सीमा शुल्क पूरी तरह से समाप्त कर दिया था। तब से तंबाकू और अल्कोहल को छोड़ अफगानिस्तान से आने वाली सभी वस्तुओं पर कोई शुल्क नहीं लगता है।
अफगानिस्तान से आयात
- किशमिश, अखरोट, बादाम, अंजीर, पिस्ता, सूखी खुबानी, औषधीय जड़ी-बूटियां।
भारत से निर्यात
-चाय, काफी, काली मिर्च, दवाएं, चीनी, कपास।


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