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मजार-ए-शरीफ पर कब्जे के बाद हुई बात, विदेश मंत्री ब्लिंकन ने राष्ट्रपति गनी को लगाया फोन

Neha Dani
15 Aug 2021 5:18 AM GMT
मजार-ए-शरीफ पर कब्जे के बाद हुई बात, विदेश मंत्री ब्लिंकन ने राष्ट्रपति गनी को लगाया फोन
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अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चेतावनी दी है कि बलपूर्वक स्थापित तालिबान सरकार को स्वीकार नहीं किया जाएगा.

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony J Blinken) ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) के साथ फोन पर बातचीत की है. दोनों ने हिंसा को कम करने के लिए चल रहे राजनयिक और राजनीतिक प्रयासों पर चर्चा की. एक ट्वीट में विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि ब्लिंकन ने अफगान सरकार के साथ एक मजबूत राजनयिक और सुरक्षा संबंधों के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता पर जोर दिया है.

उन्होंने शनिवार को अपने ट्वीट में लिखा, 'विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने आज अफगानिस्तान के हालातों को लेकर राष्ट्रपति अशरफ गनी से बात की है. उन्होंने हिंसा को कम करने के लिए चल रहे राजनयिक और राजनीतिक प्रयासों की अत्यावश्यकता पर चर्चा की (Afghanistan Taliban Crisis). विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान सरकार के साथ एक मजबूत राजनयिक और सुरक्षा संबंधों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रतिबद्धता और अफगानिस्तान के लोगों के लिए हमारे निरंतर समर्थन पर जोर दिया है.'
मजार-ए-शरीफ पर कब्जे के बाद हुई बात
अफगानिस्तान के चौथे बड़े शहर मजार-ए-शरीफ पर कब्जे के बाद दोनों नेताओं के बीच ये बातचीत हुई है. मजार-ए-शरीफ पर नियंत्रण के साथ ही आतंकवादी अब पूरे देश पर कब्जा करने से ज्यादा दूर नहीं हैं. बीते दो दिनों में ब्लिंकन ने दूसरी बार गनी से बात की है (US on Afghanistan Current Situation). इससे पहले शुक्रवार को ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने अशरफ गनी के साथ बात की थी और देश की ताजा सुरक्षा स्थिति को लेकर चर्चा की. अमेरिका ने एक मई से अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी शुरू की थी और महज थोड़े समय में ही तालिबान ने नियंत्रण हासिल कर लिया है.
देशवासियों को संबोधित किया
शनिवार को राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देशवासियों को संबोधित भी किया था (Ashraf Ghani on Taliban). उन्होंने इस दौरान कहा कि वह 20 वर्षों की 'उपलब्धियों' को बेकार नहीं जाने देंगे. तालिबान के हमले के बीच 'विचार-विमर्श' जारी है. उन्होंने टेलीविजन के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित किया. हाल के दिनों में तालिबान द्वारा प्रमुख क्षेत्रों पर कब्जा जमाए जाने के बाद से यह उनकी पहली सार्वजनिक टिप्पणी है. अमेरिका ने इस हफ्ते कतर में सरकार और तालिबान के बीच शांति वार्ता जारी रखी है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चेतावनी दी है कि बलपूर्वक स्थापित तालिबान सरकार को स्वीकार नहीं किया जाएगा.

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