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क्योंकि जो पहले अबे के समर्थक थे वो अब फुमियो किशिदा के लिए मतदान कर सकते हैं।
शिंजो आबे की मौत के बाद जापान के साथ-साथ पूरी दुनिया में शोक की लहर है। शनिवार को जापान के पश्चिमी शहर नारा में पूर्व जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या की गयी। इस खूनी हत्या के बाद जापान जैसा शांति पूर्ण देश में अस्थिरता का माहौल बन चूका है। इस घटना ने पूरे जापान को झकझोर के रख दिया है। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री और देश की सबसे प्रभावी शख्सियतों में शुमार शिंजो आबे की पश्चिमी जापान के नारा शहर में शुक्रवार को एक चुनाव अभियान के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई।
जापान के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने वाले में से एक थे शिंजो आबे। राउटर एजेंसी के मुताबिक, आबे को देश के नारा में एक रेलवे स्टेशन के सामने भाषण शुरू करने के कुछ मिनटों बाद 41 वर्षीय हमलावर ने पीछे से गोली मार दी। जापान को दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एक माना जाता है जहां बंदूकों पर नियंत्रण संबंधी बेहद सख्त कानून हैं।
50 वर्षीय गृहिणी नत्सुमी निवा ने डाउनटाउन रेलवे स्टेशन पर जहां शिंजो आबे को गोली मारी गयी थी। उस स्थान पर अपने 10 वर्षीय बेटे के साथ फूल चढ़ाने के बाद कहा, 'मैं अभी स्तब्ध हूं कि नारा में इस तरह की घटना हुई।' .
निवा आगे कहती हैं आबे एक रूढ़िवादी व्यक्ति थे। आबे ही जापान के 'एबेनॉमिक्स' नीतियों को बनाने वाले थे। आबे का मुख्य उद्देश्य जापान की अर्थव्यवस्था को बढ़ाना था। निवा ने कहा कि उन्होंने जापान को 'सुंदर राष्ट्र' के रूप में हमेशा देखा। इसलिए उन्होंने अपने बेटे का नाम भी 'मासाकुनी' रखा। जापानी में 'कुनी' का अर्थ राष्ट्र होता है।
संसद के ऊपरी सदन के लिए चल रहे एक लंबे अभियान को कल रोक दिया गया। पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के निधन के बाद पीएम फुमियो किशिदा ने चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी है। लेकिन बताया जा रहा है कि आने वाले चुनाव में प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन की जितने की उम्मीद है, क्योंकि जो पहले अबे के समर्थक थे वो अब फुमियो किशिदा के लिए मतदान कर सकते हैं।
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