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तालिबानी कब्जे के बाद आतंकवाद का नया ठिकाना बनता जा रहा अफगानिस्तान, चीन ने भी कबूल किया सच

Renuka Sahu
25 Dec 2021 1:53 AM GMT
तालिबानी कब्जे के बाद आतंकवाद का नया ठिकाना बनता जा रहा अफगानिस्तान, चीन ने भी कबूल किया सच
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फाइल फोटो 

अफगानिस्तान पर जब से तालिबन का कब्जा हुआ है, वहां आईएसआईएस और अलकायदा जैसे संगठन मजबूत हो रहे हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान पर जब से तालिबन का कब्जा हुआ है, वहां आईएसआईएस और अलकायदा जैसे संगठन मजबूत हो रहे हैं। इस बात को अब चीन ने भी स्वीकार कर लिया है। एक वरिष्ठ चीनी मंत्री ने अफगान की स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि आईएसआईएस और अल-कायदा सहित आतंकवादी समूह इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने के लिए उपयोग कर रहे हैं।

चीनी सहायक विदेश मंत्री वू जियानघाओ ने कहा कि इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी परिदृश्य और अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी गतिविधियों के पुनरुत्थान में बड़े बदलाव देखे गए हैं।
उन्होंने कहा, "अफगानिस्तान की स्थिति और भी जटिल होती जा रही है। आईएसआईएस, अल-कायदा और ईटीआईएम सहित आतंकवादी समूह अपनी उपस्थिति का विस्तार करने के लिए इस क्षेत्र का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे वहां अराजकता फैला रहे हैं।"
अपने संबोधन के दौरान वू जियानघाओ ने कहा, चीन का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए हाथ मिलाना चाहिए। उन्होंने कहा, "सबसे पहले, हमें जागरूकता को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। दूसरा, हमें संयुक्त राष्ट्र द्वारा निभाई गई केंद्रीय भूमिका को रेखांकित करने की आवश्यकता है। तीसरा, हमें विकासशील देशों में क्षमता निर्माण को मजबूत करने की आवश्यकता है। इसके अलावा हमें नए आतंकवादी खतरों और विचारधाराओं से निपटने की जरूरत है।"
आपको बता दें कि इस संगोष्ठी का आयोजन चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ कंटेम्पररी इंटरनेशनल रिलेशंस और चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज द्वारा आयोजित किया गया था।
आतंकवाद विरोधी एजेंसियों के जिम्मेदार अधिकारी के साथ-साथ रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, अफगानिस्तान, मलेशिया, कजाकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण अफ्रीका सहित 17 देशों के आतंकवाद विरोधी क्षेत्र के विशेषज्ञ और विद्वान ने सम्मेलन में हिस्सा लिया। मिस्र और ब्राजील ने भी वीडियो लिंक के माध्यम से सम्मेलन में भाग लिया।
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लेने वालों ने सहमति व्यक्त की कि आतंकवाद मानवता का एक साझा दुश्मन है और विश्व शांति और सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है।
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