चीन में शंघाई के बाद अब राजधानी बीजिंग में भी कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन स्वरूप ने कहर मचाना शुरू कर दिया है। सोमवार को शून्य कोविड नीति अपनाते हुए बीजिंग में सख्त प्रतिबंध लगा दिए गए। यहां रेस्तरां में खाना रोकते हुए नागरिकों से कहा गया है कि उन्हें सार्वजनिक स्थलों में प्रवेश के लिए कोरोना निगेटिव परीक्षण रिपोर्ट दिखानी होगी। हालांकि शंघाई में कुछ राहत है।
चीन ने यह प्रतिबंध ऐसे समय पर लगाए हैं जब देश में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर 5 दिन की छुट्टियां शुरू हो गई हैं। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना से 32 मौतें दर्ज की गई हैं जबकि 6,895 केस स्थानीय रूप से स्पर्शोन्मुखी संक्रमण के पाए गए। बीजिंग में दर्जनों आवासीय परिसरों व स्कूलों को बंद करने जैसे सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं।
शंघाई में क्वारंटीन क्षेत्रों से बाहर लगातार दूसरे दिन कोई मामला नहीं आने पर करीब 2.5 करोड़ लोगों को प्रकाश और हवा लेने के लिए घर से बाहर आने की अनुमति दे दी है। शंघाई में कोरोना महामारी ने मार्च महीने में फैलना शुरू हुई थी।
शंघाई के अस्पताल में मृत घोषित व्यक्ति मुर्दाघर में जीवित निकला
शहर में एक बुजुर्ग नागरिक को गलती से मृत घोषित करने के बाद उसके शव को मुर्दाघर में भेज दिया गया लेकिन वहां उसके जीवित होने का पता चला। इसके बाद शहर में लॉकडाउन के बीच लोगों में इस घटना को लेकर रोष है और अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है।
वैश्विक मामलों में वृद्धि, 51.38 करोड़ केस
दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 51.38 करोड़ हो गए हैं। इस महामारी से अब तक कुल 62.3 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं, जबकि 11.31 अरब से ज्यादा का वैक्सीनेशन हुआ है। ये आंकड़े जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने साझा किए। सीएसएसई के अनुसार, दुनिया के सबसे ज्यादा मामलों और मौतों 81,365,218 और 993,733 के साथ अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित देश बना हुआ है।
चीन ने राजधानी में अभी लॉकडाउन नहीं लगाया
बीजिंग में लगातार 10वें दिन दर्जनों की तादाद में मामले सामने आ रहे हैं लेकिन अभी राजधानी में लॉकडाउन नहीं लगाया गया है। हालांकि सोमवार से सामाजिक दूरी के नियमों को सख्त करते हुए बीजिंग में बड़े पैमाने पर लोगों की टेस्टिंग शुरू कर दी गई है।
कोविड पीड़ित बच्चों को कौन सा रोग होगा... पहले ही पता चल सकेगा
कोविड-19 संक्रमण से गंभीर पीड़ित बच्चों में अब जांच से पता चलना संभव होगा कि उन्हें आगे कौन-कौन सी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं, जिससे उन बीमारियों का इलाज समय पर पहले ही किया जा सकेगा। नेचर पत्रिका में छपे शोध के अनुसार, वैज्ञानिकों ने ऐसे बीमारी तंत्र की खोज की है, जिससे संक्रमण के बाद मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेट्री सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों में यह पता लगाया जा सकेगा कि हार्ट, फेफड़े, दिमाग समेत शरीर के कौन-कौन से हिस्से प्रभावित हो सकते हैं।