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साल 1956 में उन्हें पीएम बनाया गया लेकिन साल 1957 में उन्हें भी मिर्जा के साथ मतभेदों के चलते पद से हटा दिया गया।
इस्लामाबाद: साल 2018 में पाकिस्तान की जनता ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के मुखिया इमरान खान को अपना प्रधानमंत्री चुना था। इमरान बड़े जोर-शोर से चुनाव जीतकर उस जगह पर पहुंचे थे जिसका सपना उन्होंने हमेशा से देखा था। वो अपने कार्यकाल के 4 साल पूरा करते इससे पहले ही उन्हें उनके पद से हटा दिया गया। इमरान के साथ भी वही हुआ जो देश के बाकी प्राइम मिनिस्टर्स के साथ हुआ। अपने देश को क्रिकेट का विश्व कप दिलाने वाले इमरान पर आज गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। जो इमरान जनता के हीरो थे वह राजनीति में आते ही जीरो बन गए। इतिहास गवाह है कि पाकिस्तान में जो भी पीएम की कुर्सी पर पहुंचा, उसने जाने-अनजाने में अपने लिए बैड लक को चुन लिया। आजादी के 75 साल बाद भी कोई भी पाकिस्तानी पीएम अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है।
23 बार बदले गए पीएम
पाकिस्तान दक्षिण एशिया का वो देश है जहां पर हमेशा उथल-पुथल वाले हालात रहे हैं। सन् 1947 में भारत से अलग होने के बाद इस देश का गठन हुआ और तब से लेकर अब तक देश को 23 पीएम मिल चुके हैं। इमरान इस देश के 22वें पीएम थे और शहबाज शरीफ 23वें पीएम हैं। पाकिस्तान में चार बार तख्तापलट हो चुका है और हर बार लोकतांत्रिक सरकार को सत्ता से हटाया गया। जहां एक पीएम का मर्डर हुआ तो एक पीएम को कोर्ट के फैसले के बाद कुर्सी छोड़नी पड़ी। वहीं इमरान ऐसे पीएम बनें जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव की वजह से इस साल अप्रैल में कुर्सी छोड़नी पड़ी।
पहले पीएम की हत्या
15 अगस्त 1947 को लियाकत अली खान ने पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली। 16 अक्टूबर 1951 को रावलपिंडी में उनकी हत्या कर दी गई। लियाकत अली खान चार साल दो महीने और दो दिन तक पाकिस्तान के पीएम रहे। इसके बाद पाकिस्तान के दूसरे पीएम बने ख्वाजा नजीमुद्दीन और उन्होंने 17 अक्टूबर 1951 को पीएम पद की शपथ ली। लेकिन डेढ़ वर्ष के बाद यानी सात अप्रैल 1953 को गर्वनर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद ने उनकी सरकार को भंग कर दिया और उन्हें अपनी सत्ता से हाथ धोना पड़ा।
फिर आया नया पीएम
17 अप्रैल 1953 को मुहम्मद अली बोगरा ने पीएम की कुर्सी संभाली मगर उन्हें भी साल 1954 में अपने पद से हाथ धोना पड़ा। बोगरा फिर से देश के पीएम बने लेकिन बहुमत न होने की वजह से उनकी सरकार को गर्वनर जनरल सिंकदर मिर्जा ने साल 1955 में भंग कर दिया। बोगरा के बाद साल 1955 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने चौधरी मुहम्मद अली। मुहम्मद अली के इस्कंदर मिर्जा के साथ मतभेद थे और इस वजह से उन्हें 12 सितंबर 1956 को पद से हटा दिया गया।
मिर्जा को 1956 के सविंधान के तहत राष्ट्रपति बनाया गया था। अवामी लीग के हुसैन शहीद सुहावर्दी ने पाकिस्तान को साल 1954 के चुनावों में जीत दिलाई थी। वह मुस्लिम लीग के अलावा किसी और पार्टी के पहले नेता थे जिन्हें चुनावों में जीत मिली थी। साल 1956 में उन्हें पीएम बनाया गया लेकिन साल 1957 में उन्हें भी मिर्जा के साथ मतभेदों के चलते पद से हटा दिया गया।
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