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इसने दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकट को जन्म दिया है.
लेबनान (Lebanon) और सऊदी अरब (Saudi Arabia) के नेतृत्व वाले खाड़ी देशों के बीच एक संकट खड़ा हो गया है. दरअसल, लेबनान के एक कैबिनेट मंत्री की यमन में जारी युद्ध (Yemen War) को लेकर की गई टिप्पणी की वजह से ये संकट खड़ा हुआ है. इस संकट से निपटने के लिए लेबनानी नेता विदेशी अधिकारियों के संपर्क में हैं. दूसरी ओर अब कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने लेबनान के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है और सऊदी के साथ हो लिए हैं. इस वजह से संकटग्रस्त मुल्क पर दबाव बढ़ गया है, जो इस सदी का सबसे बुरा आर्थिक संकट झेल रहा है और उसे मदद के लिए वित्तीय सहायता की जरूरत है.
बेरूत (Beirut) में हवाई अड्डे के अधिकारियों के अनुसार, शनिवार दोपहर बेरूत में सऊदी राजदूत वलीद बुखारी (Waleed Bukhari) को उनकी सरकार ने वापस बुला लिया. इसके बाद उन्होंने घर के लिए उड़ान भरी. बुखारी का प्रस्थान सऊदी अरब द्वारा रियाद (Riyadh) में लेबनान के राजदूत को 48 घंटों के भीतर देश छोड़ने का आदेश देने और लेबनान से सभी आयात पर प्रतिबंध लगाने के एक दिन बाद आया. सऊदी अरब दशकों से लेबनानी उत्पादों का एक बड़ा बाजार रहा है. ये कदम तब उठाए गए हैं, जब अरब लीग के प्रमुख ने लेबनान के सूचना मंत्री जॉर्ज कोर्डाही के बयानों पर लेबनान और अमीर खाड़ी देशों के बीच संबंधों के बिगड़ने पर चिंता व्यक्त की.
जॉर्ज कोर्डाही ने क्या कहा?
लेबनान के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बुहाबीब (Abdallah Bouhabib) ने कहा कि प्रधानमंत्री नजीब मिकाती (Najib Mikati) विदेशी अधिकारियों के संपर्क में हैं. इन अधिकारियों ने पीएम से दबाव में आकर इस्तीफा देने के बारे में नहीं सोचने को कहा है. मंत्री ने कहा कि संकट को हल करने में मदद के लिए वह अमेरिकियों के संपर्क में हैं. दरअसल, जॉर्ज कोर्डाही (George Kordahi) ने यमन में युद्ध (Yemen War) को सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात द्वारा आक्रामकता के रूप में बताया. उन्होंने कहा कि यमन में युद्ध बेतुका है और इसे रोकना चाहिए क्योंकि वह अरबों के बीच युद्ध का विरोध करते हैं.
यमन में जारी है युद्ध
यमन में 2014 से गृह युद्ध (Yemen Civil War) जारी है. इस दौरान ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों (Houthi rebels) ने राजधानी सना (Sanaa) पर कब्जा जमा लिया और देश के अधिकतर उत्तरी हिस्से पर नियंत्रण कर लिया. इसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार को देश के दक्षिण में और फिर सऊदी अरब में भागने के लिए मजबूर किया. सरकार को सत्ता में बहाल करने की कोशिश करने के लिए अमेरिका द्वारा समर्थित एक सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन ने मार्च 2015 में युद्ध में प्रवेश किया. हवाई अभियान और जमीनी लड़ाई के बावजूद, युद्ध काफी हद तक गतिरोध में बदल गया है और इसने दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकट को जन्म दिया है.
Neha Dani
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