ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में कट्टरपंथी उम्मीदवार इब्राहिम रईसी को शनिवार को भारी मतों से जीत मिली है। वह अगस्त में मौजूदा राष्ट्रपति हसन रूहानी की जगह लेंगे। इधर, अमेरिका ने ईरान के चुनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए चुनाव की निष्पक्षता पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि ईरान में चुनाव निष्पक्षता से नहीं हुए। लेकिन सत्ता में चाहे कोई भी हो, ईरान को लेकर अमेरिका अपने हितों को बढ़ाना जारी रखेगा। विभाग के प्रवक्ता ने यह बात स्पुतनिक से कही।
ईरान के गृह मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि रईसी को चुनाव में करीब 62 फीसदी मत मिले। मतदान का प्रतिशत महज 48.8 दर्ज किया गया, जो दश के इतिहास में अब तक का सबसे कम मत प्रतिशत है।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, इब्राहिम रईसी को शुक्रवार को हुए चुनाव में विजेता घोषित किया गया, लेकिन यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि ईरानियों को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में अपने नेताओं को चुनने का अधिकार नहीं दिया गया।
परमाणु समझौते के अनुपालन पर चर्चा रहेगी जारी
इस बीच, कतर के अमीर तमिम बिन हमद अल थानी, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन और सीरिया के राष्ट्रपति बशर असद सहित विश्व के कई नेता उन्हें जीत की बधाई दे चुके हैं।
विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि ईरान परमाणु समझौते के अनुपालन को लेकर अमेरिका अपने सहयोगियों और भागीदारों के साथ चर्चा जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि हमारी ईरान नीति अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाने के लिए बनाई गई है। हम विएना वार्ता में हासिल सार्थक प्रगति को आगे बढ़ाना चाहते हैं।