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जो मध्य एशिया में भारत का साथी बन सकता है। तुर्की-पाकिस्तान और अजरबैजान के बीच साझेदारी इस हिस्से में भारत के हितों को प्रभावित कर सकती थी।
येरवान: अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच जारी तनाव भारत के लिए असाधारण मौका बनता जा रहा है। पिनाका मिसाइल सिस्टम के बाद अब अर्मेनिया ने भारत के साथ एक बड़ी आर्टिलरी डील की है। हथियार सिस्टम की बड़ी कंपनी पुणे स्थित भारत फोर्ज ने एक बड़ा ऐलान किया है। भारत फोर्ज ने बताया है कि कल्याणी स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स को अर्मेनिया से 155 एमएम की तोप का कॉन्ट्रैक्ट मिला है जो कि तीन साल के लिये है। यह कॉन्ट्रैक्ट 155 मिलियन डॉलर का है। यह खबर भारत सरकार की तरफ से लॉन्च किए गए आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के लिये एक बड़ी उपलब्धि है।
भारत के लिये गुड न्यूज
कंपनी की तरफ से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को एक नोटिफिकेशन भेजकर इस बात की जानकारी दी गई है। हालांकि कंपनी ने नोटफिकेशन में इस बात का खुलासा नहीं किया था कि ऑर्डर किस देश की तरफ से मिला है। उसने बस इतना ही बताया कि यह वह जोन है जहां पर फिलहाल कोई संघर्ष नहीं चल रहा है। कंपनी का कहना है कि यह ऑर्डर आत्मनिर्भर भारत के एजेंडे के लिये एक बड़े मौके की तरह है। अक्टूबर में भी भारत के रक्षा उद्योग के लिए अर्मेनिया से एक गुड न्यूज आई थी।
उस समय अजरबैजान के साथ जारी संघर्ष के बीच ही अर्मेनिया ने 2000 करोड़ रुपए के कॉन्ट्रैक्ट के साथ भारत में बने पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट सिस्टम को खरीदने का ऐलान किया था। अर्मेनिया ने पिनाका को खरीदने के लिए अर्मेनिया ने अमेरिकी रॉकेट सिस्टम हीमर्स को भी रिजेक्ट कर दिया था। विशेषज्ञों की मानें तो यह कॉन्ट्रैक्ट न केवल बढ़ते हुए भारतीय रक्षा उद्योग के बारे में बताता है बल्कि यह भी बताता है कि किस तरह से पिछले कुछ वर्षों में भारत की रक्षा निर्यात नीति में बड़ा बदलाव हुआ है।
तुर्की-पाकिस्तान होंगे हैरान
अर्मेनिया और भारत का करीब आना तुर्की, अजरबैजान और पाकिस्तान के लिये बड़ा इशारा है। अर्मेनिया के साथ हुई यह डिफेंस डील इस तिकड़ी के लिये बुरी खबर है। तुर्की, अजरबैजान और पाकिस्तान के बीच इन दिनों कूटनीतिक और सैन्य संबंध गहराते जा रहे हैं। अर्मेनिया और भारत को इस तिकड़ी के खिलाफ ईरान का भी साथ मिलने लगा है। हाल ही में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने अर्मेनियाई समकक्ष सुरेन पापिकयान से मुलाकात की थी।
गुजरात में आयोजित डिफेंस एक्सपो से अलग यह मुलाकात तब हुई थी जब कुछ ही दिनों पहले भारत ने अर्मेनिया को हथियार देने का फैसला किया था। भारत और ईरान के बीच लंबे समय से द्विपक्षीय संबंध बरकरार हैं। अब इसमें अर्मेनिया भी शामिल हो गया है। अर्मेनिया ने अब खुद को एक ऐसे देश के तौर पर साबित कर दिया है जो मध्य एशिया में भारत का साथी बन सकता है। तुर्की-पाकिस्तान और अजरबैजान के बीच साझेदारी इस हिस्से में भारत के हितों को प्रभावित कर सकती थी।
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Neha Dani
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