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क्षमता पर अधिक और अच्छे तरीके से बात हो सकती है.
पृथ्वी के पास का ग्रह शुक्र हमेशा से नरक का उदाहरण माना जाता है. वहां वायमंडल का तापमान 400 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है इसलिए इसे 'ग्रीन हाउस' प्लेनेट भी कहते हैं. इसके वायमंडल में कार्बन डाई-ऑक्साइड और सल्फ्यूरिक एसिड बूंदों के रूप में तैरते रहते हैं. इसी स्थितियां किसी भी तरह जीवन के अनुकूल नहीं कही जा सकती. इसलिए अभी तक माना जाता था कि शुक्र पर जीवन की संभावना नहीं है.
विषम परिस्थितियों में भी जीवन की संभावना
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION न्यूज के अनुसार, अब वैज्ञानिक इस बारे में विचार कर रहे हैं कि इन विषम परिस्थितियों में भी जीवन की संभावना हो सकती है.
शुक्र के ऐसे वायुमंडल में भी जीवित रह सकते हैं माइक्रोब्स
कार्डिफ यूनिवर्सटी एंड कैंब्रिज यूनिवर्सटी के साइंटिस्ट और रिसर्चरों ने नई स्टडी में दावा किया है कि शुक्र के बादलों में अमोनिया का होना ये दर्शाता है कि वहां माइक्रोब्स मौजूद हैं जो शुक्र के ऐसे वायुमंडल में भी जीवित रह सकते हैं.
अमोनिया शुक्र के अत्यधिक एसिडिक वातावरण को न्यूट्रालाइज कर देता है जिसके कारण बादलों में जीवन का संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा इन रिसर्चरों का मानना है कि किसी जैविक गतिविधि के कारण अमोनिया का निर्माण हुआ.
एसिडिक वातावरण में जीवन संभव
लेकिन ये कैसे संभव है कि इतने एसिडिक वातावरण में जीवन संभव हो. इस पर सहयोगी ऑथर ने अपनी स्टडी में दावा किया है कि इस तरह जब पृथ्वी पर इस तरह का अत्यधिक एसिडिक एन्वायरमेंट क्रिएट किया गया तो वहां भी जीवन संभव हो गया था.
शुक्र ही वह ग्रह है जहां जीवन की संभावना
बता दें कि मंगल के बाद शुक्र ही वह ग्रह है जहां जीवन की संभावना की वैज्ञानिक बात कर रहे हैं. नासा और यूरोपियान स्पेस एजेंसी शुक्र पर दो स्पेसक्राफ्ट अगले 10 से 15 सालों में भेजने का प्लान कर रही है. उस समय शुक्र के वातावरण में रहने की क्षमता पर अधिक और अच्छे तरीके से बात हो सकती है.
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