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एम्सटर्डम । कहा जाता है कि दूसरे विश्व युद्ध के आखिरी दिनों में जब नाजी यूरोप छोड़कर भाग रहे थे तब चार जर्मन सैनिकों ने डच ग्रामीण इलाकों में कहीं पर बड़ा खजाना दफन कर दिया था। इसमें ढेर सारे सोने के सिक्के गहने हीरे घड़ियां और अन्य बेशकीमती चीजें थीं। अब करीब 80 साल बाद उस खजाने को खोजे जाने की एक उम्मीद जागी है। नीदरलैंड के नेशनल अर्काइव्स ने कुछ दस्तावेज जारी किए हैं। इनमें एक नक्शा भी शामिल है जो उस खजाने तक पहुंचा सकता है। अनुमान है कि खजाने में सिक्के महंगी घड़ियां आभूषण हीरे और अन्य बेशकीमती रत्नों से भरे हथियारों के चार बक्से हो सकते हैं। माना जा रहा है कि आज के समय में इस खजाने का कुल मूल्य 15.85 मिलियन पाउंड (1.5 अरब रुपए से अधिक) के बराबर हो सकता है। पिछले हफ्ते 1300 से अधिक ऐतिहासिक दस्तावेजों को जारी करने वाले नेशनल अर्काइव्स के सलाहकार एनेट वाल्केन्स ने कहा कि बहुत सारे शोधकर्ताओं पत्रकारों और शौकिया पुरातत्वविदों को इसमें दिलचस्पी है और वे उत्साहित हैं। नक्शा सामने आने के बाद क्या कोई खोजकर्ता इस खजाने को खोज पाएगा देखना दिलचस्प होगा।
जर्मन सैनिक भागते समय खजाने को अप्रैल 1945 में दफनाया
द्वितीय विश्व युद्ध के दस्तावेजों के बीच एक मोटी फाइल नाजी खजाने को खोजने के लिए नीदरलैंड के असफल प्रयासों का जीता-जागता सबूत है। शोधकर्ताओं का मानना है कि खजाने को अप्रैल 1945 में दफनाया गया था जब जर्मन सैनिक भाग रहे थे। वाल्केन्स ने कहा कि उन्होंने खजाने को दफनाने का फैसला इसलिए लिया क्योंकि वे डरे हुए थे। माना जाता है कि खजाना ओमेरेन में दफन किया गया था जिसे बाद में खोजने के कई प्रयास किए गए। डच सरकार ने इसकी तलाश के लिए एक नाजी अधिकारी को वापस बुलाया लेकिन यह कोशिश भी सफल नहीं हुई। विशेषज्ञ निश्चित नहीं हैं कि नक्शा किसने बनाया लेकिन वह मानते हैं कि एक जर्मन सैनिक ने इसे बनाया था। कुछ लोग कहते हैं कि खोजकर्ताओं ने खजाना पहले ही खोज कर निकाल लिया होगा लेकिन इसकी घोषणा नहीं की।
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