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चीन के बाद फ्यूल क्राइसिस इस देश में, पेट्रोल पंपों पर साइबर अटैक

Renuka Sahu
27 Oct 2021 2:13 AM GMT
चीन के बाद फ्यूल क्राइसिस इस देश में, पेट्रोल पंपों पर साइबर अटैक
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फाइल फोटो 

ईरान में मंगलवार को पेट्रोल पंपों को साइबर हमले का सामना करना पड़ा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ईरान (Iran) में मंगलवार को पेट्रोल पंपों को साइबर हमले (Cyber attack) का सामना करना पड़ा. इस वजह से ईंधन सब्सिडी का प्रबंधन करने वाला एक सरकारी सिस्टम बंद हो गया. वहीं, बंद पड़े पेट्रोल पंपों पर लंबी लाइनों में लोगों को लगे हुए देखा गया. अभी तक किसी भी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.

हालांकि, एक महीने पहले भी इसी तरह के हमले हुए थे. इसे ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई (Ayatollah Ali Khamenei) को सीधे चुनौती के तौर पर देखा गया. ईरान पहले से ही अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से आर्थिक संकट का सामना कर रहा है.
देश के सरकारी टेलीविजन ने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में एक अनाम अधिकारी के हवाले से साइबर हमले की पुष्टि की. तेहरान में पेट्रोल पंपों के बंद होने की वजह से कारों की लंबी लाइनों को देखा गया. सरकारी टेलीविजन ने कहा कि तेल मंत्रालय के अधिकारी तकनीकी समस्या को हल करने के लिए एक आपातकालीन बैठक कर रहे हैं.
ISNA समाचार एजेंसी ने सबसे पहले साइबर हमले की जानकारी दी थी. इसने कहा कि जब लोग मशीनों के जरिए सरकार द्वारा जारी किए गए कार्ड से ईंधन खरीदने की कोशिश कर रहे थे, तो उन्हें 'साइबरअटैक 64411' वाला मैसेज स्क्रीन पर दिखाई दिया.
दरअसल, अधिकांश ईरानी सब्सिडी वाले ईंधन के भरोसे रहते हैं. खासतौर पर देश की आर्थिक स्थिति की वजह से ये और भी जरूरी हो जाता है. ISNA ने इस संख्या के महत्व के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. लेकिन ये संख्या खामेनेई के कार्यालय के माध्यम से चलने वाली एक हॉटलाइन से जुड़ी है, जो इस्लामी कानून के बारे में सवालों का जवाब देती है.
हालांकि, ISNA ने बाद में अपनी रिपोर्ट को हटा दिया और दावा किया कि इसकी वेबसाइट को भी हैक कर लिया गया था. यहां गौर करने वाली बात ये है कि हैकिंग के ऐसे दावे तभी देखने को मिलते हैं, जब ईरानी आउटलेट ऐसी न्यूज को प्रकाशित करते हैं, जो सरकार को चुनौती देती है.
साइबर अटैक के दौरान '64411' संख्या ने जुलाई में ईरान के रेलरोड सिस्टम पर हुए साइबर हमले की याद ताजा कर दी है. उस दौरान भी ये संख्या देखने को मिली थी. इजरायली साइबर सुरक्षा फर्म चेक प्वाइंट ने बाद में ट्रेन हमले के लिए हैकर्स के एक समूह को जिम्मेदार ठहराया था, जो खुद को इंद्र कहते हैं.


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