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देश सार्वजनिक तौर पर यह भी बता सकते की उन्होंने लोन लिया है।
ऑस्ट्रेलिया के साथ कई अन्य देश भी इस परियोजना के अलग हो सकते हैं। दरअसल, परियोजनाओं के नाम पर सैन्य मौजूदगी बढ़ाने व कई मनमानी शर्तें थोपने के कारण इससे जुड़े अधिकतर देश अब खुद को फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं।
ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन ने चीन के बीआरआई समझौते को रद्द कर दिया था। विदेश मंत्री मैरिस पेन ने कहा कि समझौता कॉमनवेल्थ कानूनों के तहत बने फॉरने-वीटो प्रावधान का उपयोग करते हुए रद्द किया गया है।
इसके अलावा चीन ने अफ्रीका के देश जिबूती में चल रही परियोजना में सुरक्षा के नाम पर सेना तैनात की थी। अब वहां सेना की मौजूदगी बढ़ा सकता है। इसी चालाकी को भांपकर कुछ अफ्रीकी देश बीआरआई से हट सकते हैं।
विवादास्पद शर्तें: चीन से लोन लिया, यह तक नहीं बता सकते
बीआरआई समझौते की कई शर्तों को विवादास्पद माना जाता है, चीन ने अपने हितों के इन्हें तय किया है। अमेरिका के जॉर्ज टाउन विश्वविद्यालय के अनुसार कई शर्तें तो ऐसी हैं चीन से लोन वाले देश सार्वजनिक तौर पर यह भी बता सकते की उन्होंने लोन लिया है।
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