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अलावा रक्तचाप में गिरावट की शिकायतें उभरने लगती हैं।
कोरोना वायरस के खिलाफ एकमात्र कारगार हथियार है वैक्सीन लेकिन ये भी पर्याप्त नहीं है, क्योंकि वैक्सीन के कई साइड इफेक्ट भी सामने आ रहे हैं। एस्ट्राजेनेका के बाद अब मॉडर्ना और फाइजर की कोविड-19 वैक्सीन पर भी सवाल उठने लगे हैं। अमेरिका और इस्राइल में इन दोनों ही कंपनियों की ओर से विकसित वैक्सीन लगवाने वाले युवाओं में सीने में जलन की समस्या देखी गई है।
अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के मुताबिक, 31 मई तक 16-24 साल के लाभार्थियों में फाइजर या मॉडर्ना के टीके की दूसरी खुराक लगवाने के बाद मायोकार्डाइटिस या पेरिकार्डाइटिस के 275 मामले सामने आए हैं। हालांकि जानकारों ने ऐसी 10 से 102 शिकायतों की संभावना जताई है।
मायोकार्डाइटिस या पेरिकार्डाइटिस से हृदय या उसके आसपास की मांसपेशियों में सूजन आने से सीने में जलन की समस्या आने लगती है। सीडीसी की माने तो 30 साल से कम उम्र के लोगों में मायोकार्डाइटिस या पेरिकार्डाइटिस के 475 मामले सामने आए हैं। इनमें से 81 फीसदी मामलों में मरीजों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है।
हालांकि इसमें से 15 मरीजों को छोड़कर सभी अपने घर वापस लौट गए। वहीं सीडीसी का यह भी कहना है कि इन नई बीमारियों से पुरुष ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। इन लोगों में मॉडर्ना और फाइजर के एम-आरएनए आधारित टीके की दूसरी खुराक लगवाने के बाद इन बीमारियों के लक्षण उभरकर सामने आए। बता दें कि इस्राइल के स्वास्थ्य मंत्री ने इस बात का खुलासा किया और अब यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी भी ऐसी शिकायतों की जांच कर रही है।
एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का एक और साइट इफेक्ट
यूरोप के औषधि नियामक ने शुक्रवार को एस्ट्राजेनेका के टीके से होने वाले एक और साइडइफेक्ट की पहचान की है। कैपिलरी लीक सिंड्रोम के तहत छोटी-छोटी धमनियों से रक्त स्राव होने लगता है। इसकी वजह से सीने में जलन और सूजन के अलावा रक्तचाप में गिरावट की शिकायतें उभरने लगती हैं।
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