जनता से रिश्ता वेबडेस्क| पाकिस्तान के विवादास्पद ईशनिंदा कानून के समर्थक कट्टरपंथी मौलाना खादिम हुसैन रिजवी के जनाजे में शनिवार को हजारों लोगों ने शिरकत की। संसद में दो सीट रखने वाली रिजवी की पार्टी तहरीक-ए-लाबियाक ईशनिंदा कानून में इस्लाम का अपमान करने के लिए मौत की सजा शामिल करने की मांग कर रही है और इसके लिए लगातार बड़े पैमाने पर आंदोलनों का आयोजन करती रही है।
दो दिन पहले 54 साल की उम्र में मरने वाले रिजवी के समर्थक शनिवार को शोक जताने के लिए लाहौर के पूर्वी हिस्से में जमा हुए। रिजवी ने पिछले रविवार को भी राजधानी इस्लामाबाद में अपने हजारों समर्थकों के साथ धरना दिया था। यह धरना फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टूंन दोबारा प्रकाशित किए जाने के विरोध में आयोजित किया गया था।
रिजवी ने इसे ईशनिंदा करार दिया था। धरने के दौरान प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प हो गई थी, जिसके बाद पाकिस्तान में कार्टूनों के खिलाफ गुस्सा दिखाने के लिए प्रदर्शनों की एक लहर शुरू हो गई थी। इसके चलते पाकिस्तान सरकार को मंगलवार को फ्रांस के साथ राजनयिक संबंध तोड़ने और फ्रांसीसी राजदूत को वापस भेजने के मुद्दे पर जल्द ही संसद में चर्चा कराने की घोषणा करनी पड़ी थी।