विश्व

आखिर चीन से क्यों नहीं टूट रहा है श्रीलंका का संबंध? दोनों देशों ने शुरू की नई हवाई सेवाएं

Kajal Dubey
21 Jun 2022 12:43 PM GMT
आखिर चीन से क्यों नहीं टूट रहा है श्रीलंका का संबंध? दोनों देशों ने शुरू की नई हवाई सेवाएं
x
पढ़े पूरी खबर
श्रीलंका और चीन ने आपस में नई हवाई सेवाएं शुरू करने का फैसला किया है। राष्ट्रपति गोटबया राजपक्षे के कार्यालय ने ये एलान किया है। उसके मुताबिक कोलंबो स्थित चीनी राजदूत ने श्रीलंका सरकार को सूचना दी है कि चीन से इस हफ्ते श्रीलंका के लिए तीन उड़ानें आएंगी। इसके जवाब में श्रीलंका ने भी बीजिंग के लिए तीन उड़ानें शुरू करने का फैसला किया है।
राष्ट्रपति से मिले चीनी राजूदत
श्रीलंकाई मीडिया के मुताबिक श्रीलंका सरकार या चीनी दूतावास की तरफ से यह नहीं बताया गया है कि नई विमान सेवाएं शुरू करने का मकसद क्या है, जबकि यात्रियों की तरफ से ऐसी कोई मांग नहीं देखी गई है। वेबसाइट इकोनॉमीनेक्स्ट.कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंकाई व्यापारी कारोबार के लिए अभी चीन जाने की स्थिति में नहीं हैं, क्योंकि उनके पास इसके लिए पर्याप्त डॉलर नहीं हैं। उधर चीनी सैलानी भी अभी श्रीलंका आने की स्थिति में नहीं हैं, क्योंकि चीन ने कोरोना महामारी के कारण लागू यात्रा प्रतिबंध को अभी नहीं हटाया है।
श्रीलंकाई राष्ट्रपति के मीडिया डिवीजन (पीएमडी) ने अपने बयान सिर्फ यह बताया कि चीनी राजदूत ची झेनहोंग राष्ट्रपति राजपक्षे से मिले और इस दौरान नई उड़ानें शुरू करने की जानकारी उन्हें दी। पीएमडी के मुताबिक चीनी राजदूत ने राष्ट्रपति को उन आर्थिक और मानवीय सहायताओं के बारे में भी जानकारी दी, जो चीन ने उपलब्ध करवाई हैं या जिन्हें वह भविष्य में श्रीलंका को देने वाला है।
पीएमडी के अधिकारियों ने बताया है कि नई उड़ाऩे शुरू होने से चीन में पढ़ने वाले श्रीलंका के मेडिकल छात्रों को लाभ होगा। लेकिन चीन के कोलंबो स्थित दूतवास ने इस बारे में मीडिया के संपर्क करने पर कोई टिप्पणी नहीं की। श्रीलंकाई पर्यवेक्षकों ने ध्यान दिलाया है कि चीन ने मौजूदा आर्थिक संकट के बीच 2.5 बिलियन डॉलर की मदद देने का वादा किया था। लेकिन ये मदद अभी तक श्रीलंका नहीं पहुंची है।
पुराना कर्ज चुकाने के लिए नए लोन का ऑफर
समझा जाता है कि चीन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से श्रीलंका सरकार की चल रही बातचीत के नतीजे का इंतजार कर रहा है। इस बारे में जब तक कोई स्पष्टता नहीं बनती, चीन अपनी सहायता को रोके रखेगा। चीन ने श्रीलंका के इस अनुरोध को भी ठुकरा दिया है कि उसके कर्ज को चुकाने की समयसारणी फिर से तय की जाए। इसके बदले उसने पेशकश की है कि श्रीलंका सरकार उससे नए कर्ज लेकर पुराने कर्ज को चुकाए। इसी कारण श्रीलंका के चीन के कर्ज जाल में फंसने का अंदेशा गहराता चला गया है।
इस बीच देश में आम लोगों की मुश्किलें बढ़ती चली जा रही हैं। इससे नाराज सरकार विरोधी आंदोलन चला रहे समूहों ने अब प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे से भी इस्तीफे की मांग कर दी है। सोमवार को इन समूहों ने प्रधानमंत्री के सरकारी आवास के पास मानव श्रृंखला बनाई। आंदोलनकारियों ने एलान किया है कि अब उनके आंदोलन का मकसद व्यवस्था में बदलाव लाना हो गया है। इस बीच देश में डीजल, पेट्रोल और गैस का अभाव और गहरा गया है। सोमवार को इन चीजों के लिए लोगों की कतारें और भी ज्यादा लंबी हो गईं।
Next Story