बीजिंग । पड़ोसी मुल्क चीन में पिछले कुछ दिनों से कारोबारियों के अचानक लापता होने की खबरें आ रही हैं। पहले अलीबाबा के फाउंडर जैक मा अचानक गायब हो गए और अब एक और बड़े इन्वेस्टमेंट बैंकर के लापता होने से हंगामा मचा है। चीन के सबसे बड़े इन्वेस्टमेंट बैंकों में से एक बाओ फैन लापता हैं। बाओ फैन की कंपनी रेनसॉ ने हॉन्गकॉन्ग स्टॉक एक्सचेंज को इसकी जानकारी दी और कहा कि काफी कोशिशों के बावजूद बाओ से संपर्क नहीं हो पा रहा है। कंपनी के अनुसार 52 साल के बाओ पिछले तीन-चार दिनों से गायब हैं। इस खबर के आते ही कंपनी के शेयर 50 फीसदी तक गिर गए। वर्ष 2015 में चीन के वॉरेन बफेट कहे जाने वाले गुओ गुआंगचांग भी इसी तरह से अचानक गायब हो गए थे। इसके बाद 2020 में चीन के रियल एस्टेट के किंग कहे जाने वाले रेन झिकियांग अचानक से लापता हो गए। साल 2021 में जैक मा गायब हो गए। अब बाओ के गायब होने की खबर से सबके होश उड़ा दिए है। चीन के बड़े कारोबारी अचानक से लापता हो रहे हैं।
अक्सर चीनी राष्ट्रपति के आलोचक ही हुए अचानक लापता अगर घटनाओं पर नजर डालें तो रेन झिकियांग ने कथित तौर पर चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग की आलोचना की थी, जिसके कुछ दिन बाद ही वो अचानक लापता हो गए। बाद में उन्हें 18 साल की सजा सुना दी गई। वहीं जैक मा ने भी कारोबार में चीनी सरकार के दखल की खुलेआम आलोचना की थी। वो भी गायब हो गए। महीनों बाद वो टोक्यो में मिले। चीन की सख्त करप्शन नीति से बिजनसमैन डरे हुए हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक बाओ की कंपनी के प्रेसिडेंट कोंग लिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे, जिसके बाद उनसे भी पूछताछ हो रही थी। देखने में आया है कि जब-जब चीन में कोई कारोबारी किसी भी सरकारी जांच में शामिल होता है, उसके बाद वो अचानक से गायब हो जाता है।बाओ चीन के बड़े इंवेस्टमेंट बैंकर हैं। उन्होंने साल 2005 में चाइन रेनसॉ की शुरुआत की थी। इस कंपनी की मदद से वो कई टेक कंपनियों के बीच डील करवाते हैं। कंपनियों के बीच मर्जर में अहम रोल निभाते हैं।
चीनी सरकार नहीं चाहती निजी कारोबारी का बढ़े अधिक संपत्ति
चीन सरकार की नीतियां कारोबारियों के गायब होने की बड़ी वजह है। चीन की सरकार नहीं चाहती है कि निजी कारोबारियों के हाथों में अधिक संपत्ति हो। शी जिंनपिंग इसे बड़ा खतरा मानते हैं, जिसका नतीजा है कि पिछले कुछ सालों से चीन में कारोबारियों की संपत्ति जब्त करने, उन्हें गिरफ्तार करने के मामले बढ़े हैं। साल 2012 में सत्ता में आने के बाद ही चीन की शी जिनपिंग सरकार ने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान शुरू कर दिया। इस कानून ने पूरे चीन में खौफ पैदा कर रखा है। इस कानून के तहत चीन में अब तक लाखों लोगों की जांच की जा चुकी है। सिर्फ कारोबारी ही नहीं, सेना के जवानों और अधिकारियों को भी इस कानून के तहत सजा सुनाई गई है। माना जाता है कि कई कारोबारी तो इस कानून के डर से ही छिप जाते हैं। कुछ को सरकार गायब कर देती है।